वो पहला प्यार

thebiharnews-in-wo-pahla-pyaarआज उसका शहर में आखिरी दिन था। घनघोर बारिश ने शाम के धुंधलके को रात के अंधेरे में तब्दील कर दिया था वह तेज कदमों से बस स्टॉप की ओर बढ़ा जा रहा था।  6:00 बज चुके थे।  उसकी अपनी बस 6:30 बजे की थी। पर क्लासेस छूटते ही वो बस स्टॉप की ओर भागता था  बिना देर किए क्योंकि 6:00 बजे ही उस लड़की की बस आती थी। जिसे वह पिछले कुछ महीनों से रोज बस स्टॉप पर देखता था।  उसने अपने कदमों की गति बढ़ाई।

बस स्टॉप पहुँचकर उसने  चैन की साँस ली  लड़की की बस नहीं आई थी और वह बस स्टॉप पर ही खड़ी थी।  बारिश के होने ने बस को आने से और उस लड़की को जाने से रोक रखा था।  उसने बारिश का शुक्रिया अदा किया। आज वह उस लड़की को देखने का मौका नहीं छोड़ना चाहता था क्योंकि कल वह अपने शहर लौट जाने वाला था।उसने देखा लड़की ठंड से कांप रही थी।उसने पूरे शरीर को मानो जोर से भींच रखा हो।  घनी बारिश के कारण आज बस स्टॉप बिल्कुल खाली था। आसपास भी  कोई नहीं था। एक अंजान लड़के की उपस्थिति ने लड़की को और डरा दिया था। ये बात वो समझ रहा था। वो आज  उस लड़की को दिल भर कर देखना चाहता था पर वह जानता था कि अगर वह ऐसा करेगा तो वह लड़की बहुत ही असुरक्षित महसूस करेगी। बारिश ने और बस स्टॉपेज की वीरानी ने माहौल को बहुत भयावह बना दिया था। इसलिए ना चाहते हुए भी रवि ने अपनी  निगाहें दूसरी तरफ कर ली ।दिल तो  बार-बार कह रहा था एक बार जी भर कर देख लो  फिर ये पल लौट कर नहीं आने वाले।

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  थोड़ी ही देर बाद दो लडके बस स्टॉप की और आते दिखाई दिए। रवि ने कनखियों से देखा लड़की की बेचैनी बढ़ गयी। लड़को को देख वो बस के आने के रास्ते की तरफ बेचैनी से देखने लगी। रवि का जी चाहा जाकर कहे उससे की मत घबराओ मै हूँ। तभी अचानक वो लड़की अपनी जगह से तेज़ कदमो से चलती हुई रवि के पास आकर खड़ी हो गयी मानो उन लडको को ये जतलाना चाह रही हो की वो अकेली नहीं है।लड़की ने ऐसा क्यूँ किया  रवि समझ नहीं पाया इन दस मिनटों में ही उसने रवि की शराफ़त भाँप ली या दो के मुक़ाबले एक उसे कम खतरनाक लगा। उसके पास आकर खड़े होने ने रवि की धड़कन बहुत तेज़ कर दी। उसे लगा उसके धड़कनो की आवाज़ उस लड़की तक भी जा रही है। तभी उसकी बस आ गयी। लड़की लगभग दौड़ती हुई सी अपने बस में चढ़ी। उसे लगा मानो दिल की धड़कने अचानक बंद हो जाएगी। वो अपलक जाती हुई उस लड़की की तरफ देख रहा था।हलकी सी बिजली कौंधी उस रौशनी में उसने देखा  लड़की बस में चढ़ कर पलटी और उसकी तरफ देख हौले से मुस्कुरायी।

वो अंतिम बार उसने उस लड़की को देखा था। इसके बाद पढ़ाई और नौकरी के सिलसिले में वो कई शहरों में गया। उसकी निगाहें कई सालों तक हर नई जगह उस लड़की को ढूंढती रही।आज 10 साल बाद भी उस पहले प्यार की याद उसके दिल को गुदगुदाती हैं। अभी भी उस लड़की की मुस्कराहट उसके दिल की गहराइयों में नए खिले फूल की तरह ताज़ा है।

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Susmita is a homemaker as well as a writer. She loves writing whatever comes in her mind either its about home affair or about social or political affairs. She believe sharing your opinion is a great power of human being which can make social changes and bring people together. She believe enjoying every sip of life.