मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं में आया बड़ा बदलाव
मैट्रिक में भी ओएमआर शीट पर परीक्षा ली जाएगी। छात्रों को वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा। बिहार बोर्ड ने मैट्रिक परीक्षा में पहली बार यह बदलाव किया है। नए पैटर्न के अनुसार 40 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर देना होगा। शेष 60 अंक के लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे जिनके लिए पूर्व की भांति उत्तर पुस्तिका मिलेगी।
कुल 100 अंकों के लिए परीक्ष्रा ली जाएगी।
वहीं इंटर आर्ट्स और भाषा विषय में भी वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के लिए ओएमआर शीट पर परीक्षा देनी होगी। इसके पहले इंटर साइंस और कॉमर्स में ही वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जाती थी। मैट्रिक और इंटर के परीक्षा पैटर्न में बदलाव की यह कवायद छात्रों के बेहतर अंक और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रारंभ से ही तैयार करने में मदद के लिए की जा रही है। 2018 की मैट्रिक और इंटर परीक्षा इसी नए पैटर्न पर कराने की तैयारी है।
इंटर में पांच प्रकार के रहेंगे वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
नए पैटर्न के अनुसार अब इंटर के तीनों संकायों साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के पांच प्रकार होंगे। इससे पहले एक ही प्रकार के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते रहे हैं।
ये हैं पांच प्रकार
- चार विकल्प में से एक सही चुनना होगा
- चार में से दो या दो से अधिक सही हैं
- कथन और कारण
- मिलान करना
- कंप्रिहेंसिव
50 शिक्षकों ने मिलकर तैयार किया है परीक्षा पैटर्न
बोर्ड ने परीक्षा का नया पैटर्न 50 शिक्षकों की टीम से तैयार करवाया है। टीम में पटना विश्वविद्यालय व अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षाविद शामिल हैं। हर विषय के लिए लगभग पांच शिक्षक रखे गए थे। इन शिक्षकों ने समिति को 2009 में लागू परीक्षा पैटर्न पर ही परीक्षा लेने की सलाह दी। इसके अलावा कुछ अन्य बदलाव भी किए गए हैं। मौके पर बोर्ड के सचिव अनुप कुमार सिन्हा, शैक्षणिक निदेशक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक के परीक्षा नियंत्रक मौजूद थे।
परीक्षा पैटर्न को लेकर पहली बैठक 11 सितंबर और दूसरी बैठक 17 सितंबर को समिति कार्यालय में हुई थी।
चार साल में तीन बार बदला इंटर का परीक्षा पैटर्न
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात कह समिति ने पिछले चार साल में तीन बार परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है। बदलाव की शुरुआत 2009 में तत्कालीन अध्यक्ष एकेपी यादव ने की थी। चार साल इसी पैटर्न पर इंटर की परीक्षा हुई। उसके बाद 2014 की परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रश्न में बदलाव किया गया। इससे रिजल्ट काफी कम हुआ। इसके बाद 2015 में तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने 40 अंक पर मल्टीपल च्वाइस वाले प्रश्न की शुरुआत की।
इसके बाद फिर 2018 में पैटर्न बदलने की तैयारी चल रही है।
मैट्रिक में नया बदलाव ऐसा
गणित, एडवांस गणित, हिंदी और अंग्रेजी के 100 अंकों वाले इन विषयों में 40 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न होंगे जिनका उत्तर ओएमआर पर देना होगा
प्रैक्टिकल वाले विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में 32 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न ओएमआर पर पूछे जाएंगे।
40 अंकों के वस्तुनिष्ठ प्रश्न मल्टीपल च्वाइस बेस्ड होंगे
ओएमआर के बाद रिजल्ट में आया ऐसा बदलाव
2008 मे साइंस का रिजल्ट – 15 फीसदी प्रथम श्रेणी
2009 में साइंस का रिजल्ट – 60 फीसदी प्रथम श्रेणी
ओएमआर के पैटर्न में बदलाव के बाद
2013 में साइंस का रिजल्ट – 90 फीसदी प्रथम श्रेणी
2014 में साइंस का रिजल्ट – 66 फीसदी प्रथम श्रेणी
पूर्व अध्यक्षों ने की सराहना
नए बदलावों को लेकर पूर्व अध्यक्ष राजमणि प्रसाद ने कहा कि वस्तुनिष्ठ वाले ओएमआर में छात्र पास कर जाते थे, लेकिन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न में फेल कर जाते थे। इसी को देखते हुए 2014 की परीक्षा में बदलाव किया गया था। वहीं पूर्व अध्यक्ष एकेपी यादव ने कहा है कि इंटर की परीक्षा में ओएमआर लाने के पीछे मकसद था कि प्रतियोगी परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार किया जा सके। इसका फायदा भी हुआ। ओएमआर की जांच कंप्यूटर से हुई तो रिजल्ट भी बढ़ा। मैट्रिक और इंटर आर्ट्स में इस बार से ओएमआर लागू किया जा रहा है। प्रश्नों के स्वरूप कैसे होंगे, इसको लेकर जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जायेगा। सोमवार या मंगलवार तक इसे फाइनल कर लिया जायेगा।
2018 की बोर्ड परीक्षा से इसे लागू किया जायेगा।
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