लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों में काम पर जाने के लिए श्रमिक तैयार, रोजगार के लिए बिहार से तेलंगाना गए मजदूर

लॉकडाउन के कारण एक तरफ श्रमिक देश के विभिन्न हिस्सों से गृह राज्य लौट रहे हैं तो दूसरी तरफ कुछ राज्यों के श्रमिक रोजगार के लिए बुलाने पर दूसरे प्रदेशों की ओर भी रुख कर रहे हैं। बिहार से तेलंगाना जाने की शुरुआत भी हो चुकी है। पहले से ही कई राज्य सरकारें अपने यहां काम करने वाले दूसरे राज्य के श्रमिकों को रोकने की कोशिश में जुटी हैं।

बिहार में खगड़िया रेलवे स्टेशन से गुरुवार अलसुबह 3.45 बजे श्रमिक विशेष ट्रेन से रोजगार के लिए तेलंगाना के लिंगमपल्ली शहर गए। इनमें अधिकांश बेलदौर व चौथम के हैं। हालांकि, खगड़िया रेलवे स्टेशन से 1,080 मजदूरों के लिए टिकट काटने की बात कही गई है।

खगड़िया के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने बताया कि लिंगमपल्ली की चावल मिल में काम करने वाले ये श्रमिक होली पर घर आए थे। लॉकडाउन के कारण वापस नहीं लौट सके। मिल संचालक की मांग पर तेलंगाना सरकार ने बिहार सरकार से इन्हें भेजने की अपील की। इसके बाद प्रशासन ने श्रमिकों से सहमति ली और जांच के बाद श्रमिकों को विशेष ट्रेन से भेजा गया। तेलंगाना सरकार ने खुद इनका किराया वहन किया है ताकि काम प्रभावित न हो।

रोकने की पहल कर रहे कई प्रदेश
तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश और गोवा श्रमिकों को रोकने की पहले से ही अपील कर रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को प्रवासी श्रमिकों से राज्य में टिककर औद्योगिक गतिविधियों को बहाल करने में सहयोग देने का आग्रह किया था। हालांकि, आलोचना के बाद वापसी के इच्छुक श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के इंतजाम किए।

मध्यप्रदेश में कई रियायत
कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शामिल मध्य प्रदेश ने महामारी से जंग के साथ आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फेसबुक लाइव के जरिए श्रम सुधारों व अन्य बदलावों की जानकारी दी है। उद्योगों व श्रमिकों को कई रियायतें दी गई हैं। कारखानों में कार्य की पाली आठ घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दी गई है। कारखाना मालिक अब खुद शिफ्ट परिवर्तित कर सकेंगे।

हरियाणा सरकार श्रमिकों का भरोसा जीतने में जुटी
हरियाणा सरकार नहीं चाहती कि यहां रहने वाले दूसरे प्रदेशों के श्रमिक और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर अपने घरों को वापस लौटे। हरियाणा में 20 लाख से ज्यादा लोग दूसरे प्रदेश के विभिन्न व्यापार में काम करते हैं। हरियाणा से सिर्फ 45 से 47 हजार दूसरे राज्यों के लोग ही घरों को लौटने के लिए तैयार हुए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिए हैं कि वह मजदूरों को यह समझाने की कोशिश करें कि जब वह अपने प्रदेश लौटेंगे तो वहां उन्हें पहले 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा। उसके बाद उनके सामने रोजगार का संकट रहेगा। वापस लौटने में भी परेशानी हो सकती है।

रियल एस्टेट और इंफ्रा पर सबसे ज्यादा असर
कोरोना महामारी से डरे मजदूरों का देशभर में पलायन से सबसे अधिक असर रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े निर्माणाधीन प्रोजेक्ट पर हुआ है। रियल एस्टेट कारोबारियों के अनुसार, लॉकडाउन में ढील के बावजूद काम शुरू नहीं हो पा रहा है, क्योंकि कुशल श्रमिक उपलब्ध नहीं हैं। इससे प्रोजेक्ट के पजेशन और घरों की चाबी मिलने भी देरी हो सकती है।

Facebook Comments
Previous articleश्रमिक स्पेशल ट्रेन में जन्मी बच्ची, यात्रियों ने कोच में मनाया जश्न
Next articleकोरोना: सीआईएसएफ अधिकारी की मौत, अर्धसैनिक बलों में करीब 530 लोग संक्रमित
The Team TBN represents the author of posts, which are received by different sources & agencies. The Bihar News does not endorse the personal point of view of any such representative.