मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर घर नल का जल योजना को बिहार लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के दायरे में शामिल करें। ताकि लोगों को किसी प्रकार की समस्या होने पर निश्चित समय सीमा में समाधान हो सके। कोई भी व्यक्ति इस योजना के लाभ से वंचित न रहे। इसको लेकर शीघ्र आवश्यक कार्रवाई का निर्देश उन्होंने दिया।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से एक अणे मार्ग में मंगलवार को नल-जल योजना की प्रगति का समीक्षा की। पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट का जमीनी मुआयना करें। जलापूर्ति की नियमित मॉनिटरिंग करें। नई तकनीक का प्रयोग कर सही सूचना एकत्र करें और लोगों की शिकायतों का शीघ्र समाधान करें।

उन्होंने लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करें कि पानी का दुरुपयोग न करें, यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है। समीक्षा के दौरान पदाधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी कि गांवों में पंचायती राज द्वारा 99 प्रतिशत, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण द्वारा 97 प्रतिशत तो शहरों में 88.55 वार्डों में नल-जल योजना का काम पूरा हो गया है। मुख्यमंत्री ने बचे वार्डों में तेजी से काम पूरा करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को शुद्घ पेयजल उपलब्ध हो और खुले में शौच से मुक्ति मिल जाय तो लगभग 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। सभी को स्वच्छ पेयजल हमेशा उपलब्ध रहे, इसके लिए मेंटेनेंस की व्यवस्था बनाये रखें। हर हाल में उचित रखरखाव जरूरी है। कहा कि वर्ष 2009 में यात्रा के दौरान हमने खगड़िया में स्नान और पानी पीने के क्रम में आर्सेनिक के प्रभाव को देखा था।

आर्सेनिक, फ्लोराइड एवं आयरन प्रभावित वार्डों में तेजी से कार्य पूरा करें, क्योंकि इससे कई प्रकार की बीमारियों होती है। जिन वार्डों में योजना को पूरा करने में कुछ समस्याएं आ रही हैं, वहां स्थानीय लोगों का भी सहयोग लें। गया शहर में बचे हुए वार्डों के कार्य को तेजी से पूरा करें। वहां गंगा का जल लोगों को शुद्घ पेयजल के रूप में उपलब्ध कराये जाने को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे। वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग से उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री रामप्रीत पासवान, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव पंचायती राज अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव नगर विकास एवं आवास विभाग आनंद किशोर, सचिव लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण जीतेन्द्र श्रीवास्तव और पंचायती राज निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह जुड़े हुए थे।

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