राज्य के 17 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं मिल रहा है। इनमें पटना के छह लाख उपभोक्ता हैं। बाकी उपभोक्ता लगभग छह दर्जन शहरों के हैं। बिल नहीं मिलने के कारण लोग उसे जमा भी नहीं कर पा रहे हैं। सर्वर में आई खराबी को अभी दुरुस्त होने में दो-तीन दिनों का समय लगेगा। इसके बाद ही उपभोक्ताओं को बिजली बिल मिलेगा और फिर वे उसे जमा कर सकेंगे। इसके लिए उनको और समय मिलेगा।

हालांकि राज्य के ग्रामीण, अर्धशहरी सहित अन्य इलाकों के एक करोड़ 53 लाख उपभोक्ताओं को बिजली बिल मिलने या जमा करने में कोई परेशानी नहीं है। सर्वर की गड़बड़ी को देखते हुए बिजली कंपनी ने तय किया है कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा करने का समय दिया जाए।

कंपनी ने अभी औद्योगिक प्रक्षेत्र के उपभोक्ताओं (एचटी) को मैनुअल बिल दे दिया है। साथ ही व्यावसायिक उपभोक्ताओं को भी मैनुअल बिल दिया जा चुका है। जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को 20 अगस्त से बिल मिलने लगेगा। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को उसे जमा करने का समय दिया जाएगा।

बिल पर ही दर्ज रहेगा कि उपभोक्ता कब तक उसे जमा कर सकेंगे और किस तिथि के बाद उनको जुर्माना के साथ बिल जमा करना होगा। कंपनी की कोशिश है कि उपभोक्ताओं को बिल जमा करने में परेशानी नहीं हो।

दो तरह के सॉफ्टवेयर पर जेनरेट होता है बिल 

जानकारी के अनुसार कंपनी बिजली बिल दो तरह के सॉफ्टवेयर पर जेनरेट करती है। रि-स्ट्रक्चर्ड एक्सेलेरेटेड पावर डेवलपमेंट रिफॉर्म्स प्रोग्राम (आरएपीडीआरपी) के तहत राज्य के लगभग छह दर्जन शहरों में काम हुए थे। इन शहरों के उपभोक्ताओं को एसएपी सॉफ्टवेयर के माध्यम से बिजली बिल दिया जाता है। पिछले दिनों अचानक से इस सॉफ्टवेयर में खराबी आ गई।

फाइल में गड़बड़ी के कारण उपभोक्ताओं का बिजली बिल जेनरेट करने में परेशानी हो गई। सॉफ्टवेयर कंपनी के कर्मी दिल्ली से आकर इसे दुरुस्त करने में लगे हैं। सर्वर में खराबी के कारण जिन उपभोक्ताओं को बिजली बिल नहीं मिल रहा है, कंपनी ने इंजीनियरों से साफ कहा है कि भुगतान नहीं होने के आधार पर उनकी बिजली न काटी जाए। स्थानीय अधिकारी इसे सुनिश्चित करेंगे।

उपभोक्ताओं से संबंधित सभी आंकड़े अपलोड

अधिकारियों के अनुसार उपभोक्ताओं से संबंधित सभी आंकड़े को अब अपलोड कर लिया गया है। अब उसके वेरिफिकेशन का काम चल रहा है। दो-तीन दिनों में इसे दुरुस्त कर 20 अगस्त तक पूर्व की तरह ही लोगों को बिजली बिल दिया जाने लगेगा। वहीं कंपनी के एक अन्य सॉफ्टवेयर एनआईसी के पोर्टल के माध्यम से राज्य के एक करोड़ 53 लाख उपभोक्ताओं के बिजली बिल दिए जाते हैं। इसमें कोई परेशानी नहीं है। पूर्व की तरह ही एनआईसी से जुड़े उपभोक्ताओं को बिजली बिल दिए जा रहे हैं। ऐसे उपभोक्ता आसानी से बिल भी जमा कर रहे हैं।

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