कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच विशेषज्ञों ने देश में अगले दो महीने के दौरान त्योहारों व अन्य अवसर पर लोगों के जुटने को लेकर चेताया है। इस दौरान सामाजिक दूरी का पालन और बाजारों में भीड़ जुटने से संक्रमण का खतरा पैदा होने की संभावना है। स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों की भीड़ जुटने से परिवार, रिश्तेदार, दोस्त और पड़ोसी कोई भी अछूता नहीं रह सकता है।
इस दौरान घेरलू काम करने वालों की आवाजाही हो सकती है। सेवा प्रदाता की भी घर में दस्तक संभव है, जिससे आवाजाही पर लगी ‘पाबंदी’ खत्म हो सकती है। इस तरह की गतिविधियां कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यानी अप्रैल-जून 2021 में टाल दी गई थीं। अगले दो महीनों के दौरान लोगों के घरों से निकलने और त्योहार या अन्य जश्न वाले कार्यक्रम मनाने को लेकर बड़े पैमान पर लोगों और परिजनों के बीच सर्वे किया गया।
देश में इसी हफ्ते गणेश पूजा के साथ त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है। गणेश चतुर्थी के बाद दुर्गा पूजा, नवरात्रि, दशहरा और दिवाली पर्व मनाए जाएंगे। लोगों के एक-दूसरे के साथ मिलने या जुटने से इसी समय तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है। ऐसी आशंका के बीच लोगों से घरों से निकलने और भीड़ में शामिल होने से लेकर त्योहार मनाने या लोगों के बुलाने समेत कई सवाल और आशंकाओं के बीच सर्वे किया गया। लोकल सर्किल्स के सर्वे में 27000 लोगों की राय ली गई और 12000 से अधिक भारतीय परिवारों को शामिल किया गया। यह सर्वे देशभर के 312 जिलों में किया गया।
80 फीसदी भारतीय एक से दूसरी जगह जाएंगे
सर्वे में पहला सवाल यही था कि क्या आप अगले एक महीने के दौरान किसी और के घर पहुंचेंगे। इनमें से 17 फीसदी ने कहा परिवार या रिश्तेदारों के यहां ठहरेंगे नहीं, 8 फीसदी मित्र, पड़ोसी और साथियों के यहां जाने पर रजामंद दिखे, जबकि 22 फीसदी ने माना कि उनके घरेलू सहायक, सेवा प्रदाता या अन्य से मिलने जा सकते हैं। 80 फीसदी परिवारों में एक या इससे ज्यादा श्रेणी के तहत बाहर जाने के लिए राजी दिखे। इस पर 9392 लोगों ने
59 फीसदी परिजनों, दोस्तों से मिलने को निकलेंगे
इसी तरह 23 फीसदी लोगों ने कहा कि वे परिजनों या रिश्तेदों के यहां नहींरुकेंगे, 11 फीसदी ने कहा दोस्तों, पड़ोंसियों या सहयोगियों से मिलेंगे जबकि 5 फीसदी अन्य के यहां जाने को तैयार दिखे।कुल मिलाकर 59 फसदी भारतीय परिवार इस पर तैयार दिखे कि वे परिजनों, दोस्तों या अन्य से मिलने के लिए घर से निकलेंगे।
48 फीसदी भारतीय जश्न मनाने को तैयार
सितंबर और अक्तूबर में पर्वों के दौरान लोगों की भीड़ जुटने के साथ ही एक दूसरे से मुलाकात भी तय मानी जा रही है। पिछले साल कोविड की पाबंदियों के चलते लोग ज्यादा बाहर नहीं निकले थे। ज्यादातर लोगों ने घरों के अंदर ही त्योहार मनाए थे। इसलिए कोविड का खतरा भी कम रहा था। लेकिन इस साल हालात जुदा हैं। सर्वे में शामिल 18 फीसदी लोगों ने कहा कि वह अगले महीने भर के भीतर त्योहारों में हिस्सा लेंगे। 7 फीसदी ने जन्मदिन, सालाना या अन्य कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही। 7 फीसदी अन्य लोगों ने पड़ोसियों या काम करने वाले कार्यक्रमों शिरकत करने की उम्मीद जताई। कुल मिलाकर 48 फसदी भारतीय परिवार अगले 30 दिनों में इन अवसरों पर अपने आपको जश्न में शामिल होने के लिए तैयार दिखे।
सबसे ज्यादा लोग घरों से बाहर निकलेंगे
भारतीयों घरों के हिसाब से देखें तो अगले दो महीनों के दौरान 41 फीसदी के परिजनों या रिश्तेदारों से मुलाकात संभव है। इसके अलावा 28 फीसदी अपने दोस्तों, पड़ोसियों या अन्य साथियों से मिलना तय है। इसके साथ ही 14 फीसदी अन्य लोगों की भी एक-दूसरे से मुलाकात की उम्मीद है।