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वाम दलों के बिहार बंद का असर

पटना [टीम टीबीएन] केंद्र की नीतियों, प्रदेश में महिलाओं के साथ बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं, मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड तथा दलितों-कमजोर वर्गों पर अत्याचार के विरोध में और नीतीश सरकार के दो मंत्रियों की बर्खास्तगी की मांग को लेकर वाम दलों एवं विभिन्न संगठनों ने गुरुवार को बिहार बंद आहूत किया है। बंद को राजद, कांग्रेस, हम, समाजवादी पार्टी और लोकतांत्रिक जनता दल ने भी खुला समर्थन दिया है। बंद के समर्थन में विपक्षी दल के समर्थक व कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर निकल गए हैं। हालांकि, बंद का प्रभाव धीरे-धीरे गहराता जा रहा है।

जगह-जगह सड़क जाम, प्रदर्शन

thebiharnews-in-opposition-calls-bihar-bandh-anainst-woman-and-dalit-atrocity-in-bihar-trainबंद समर्थक जगह-जगह सड़कों पर निकल गए हैं। नवादा में भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया है। उधर, सिवान में भी माले कार्यकर्ता सड़क पर उतर चुके हैं।

राजद कार्यकर्ता किशनगंज में बस स्टैंड के समीप एनएच 31 को जाम कर प्रदर्शन कर रहे हैं। आंंदोलनकारियों ने मधेपुरा जिले के मुरलीगंज में एनएच 107 मुख्य मार्ग पर बेंगापुल को जामकर प्रदर्शन किया। मधेपुरा शहर के कर्पूरी चौक को भी जाम कर प्रदर्शन किया गया। सुपौल में भी बंद के समर्थन में विपक्ष सड़क पर उतरा।

दरभंगा में दरभंगा-जयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 527 बी को दड़िमा चौक पर जाम कर दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग 57 को भी सिमरी थाना चौक पर बंद समर्थकों ने जाम रखा।

मधुबनी में बिहार बंद आंदोलन के दौरान रहिका-मधुबनी, रहिका-जयनगर, रहिका-दरभंगा (एन एच 105) पर वाहनों की कतार लग गई। बंद समर्थकों ने सीतामढ़ी के मेहसौल चौक पर भी सड़क जाम किया।

मोतिहारी में वाम दलों की बंदी के कारण मीना बाजार में जाम की स्थिति बन गई। मोतिहारी में वाम दलों की बंदी के समर्थन में समाजवादी पार्टी भी उतरी। करते वाम दल के नेता व कार्यकर्ता।

मुजफ्फरपुर में बालिका गृह कांड के दोषियों को फांसी की मांग को लेकर भाकपा माले व अन्य दलों ने जुलूस निकाला। यहां बंद का अधिक असर देखा गया।

जगह-जगह ट्रेनों को रोका

thebiharnews-in-opposition-calls-bihar-bandh-anainst-woman-and-dalit-atrocity-in-biharबंद का असर रेल सेवाओं पर पड़ा है। जहानाबाद में बंद समर्थकों ने पटना-रांची जनशताब्दी एक्‍सप्रेस को रोका तो दरभंगा में राजद और माकपा कार्यकर्ताओं ने बिहार संपर्क क्रांति को रोक दिया। मधुबनी में भी गंगासागर एक्सप्रेस को बंद समर्थकों ने रोका।

जनसहयोग से बंद की सफलता का दावा 

भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने बिहार बंद को अभूतपूर्व होने का दावा करते हुए कहा कि राज्य सरकार दलितों पर अत्याचार रोकने व महिलाओं को सुरक्षा देने में फेल हो चुकी है। उन्होंने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सीबीआइ की जांच की मॉनीटरिंग पटना हाईकोर्ट से कराने, टाटा इंस्‍टीच्‍यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और नीतीश सरकार के दो मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की।

इधर माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि बिहार बंद को सफल बनाने के लिए जनता भरपूर सहयोग कर रही है। बिहार व केंद्र की एनडीए सरकार में दलितों, महिलाओं एवं कमजोर वर्गों पर अत्याचार बढ़ा है। नीतीश सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। भाकपा के सचिव सत्य नारायण सिंह ने कहा कि बिहार बंद को सफल बनाने के लिए महागठबंधन समेत अन्य दलों ने जो समर्थन दिया है, उसके लिए हम आभार प्रकट करते हैं।

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