अनदेखी : पटना डेंटल कॉलेज में 1988 के बाद से एक भी स्थायी शिक्षक की नियुक्ति नहीं

पटना डेन्टल कॉलेज में 19 वर्षों से स्थायी शिक्षकों की बहाली नहीं हुई है। वर्ष 1998 के बाद यहां स्थायी शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई है। संविदा पर ही शिक्षकों की बहाली होती आ रही है। हर साल एक वर्ष के लिए संविदा पर शिक्षकों की बहाली होती है और इन्हें ही सेवा विस्तार दे दिया जाता है।

डेन्टल कॉलेज में लेक्चरर को 75 हजार, रीडर को 85 हजार और प्रोफेसर को एक लाख 32 हजार 500 रुपए प्रतिमाह मानदेय मिलता है। यहां लेक्चरर के 14, रीडर के 12 और प्रोफेसर के 6 पद स्वीकृत हैं। लेक्चरर में दो व रीडर में एक पद रिक्त हैं। यहां 40 सीटों पर नामांकन होता है। डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया कॉलेज में आधारभूत संरचना की कमी को लेकर कई बार आपत्ति दर्ज कर चुका है। खासकर शिक्षकों की कमी को लेकर काफी नाराजगी जताई है। कई बार तो काउंसिल ने नामांकन पर ही अस्थायी रोक लगा दी और बाद में सशर्त अनुमति दी।

डेंटल काउंसिल की आपत्तियों के बाद डेंटल कॉलेज में पिछले साल छात्रों का नामांकन नहीं हो सका। वर्ष 2010 में भी नामांकन पर रोक लगी थी। इसके बाद कॉलेज में 15 शिक्षकों की बहाली हुई थी। वर्ष 2011, 2012 व 2013 में नामांकन हुआ। वर्ष 2014, 2016 व 2017 में भी नामांकन पर रोक लगी थी, लेकिन राज्य सरकार की पहल के बाद नामांकन हो सका। कॉलेज में शिक्षकों व कर्मचारियों की कमी, छात्रावास, कैंटीन का अभाव, कर्मचारियों की कमी, उपकरणों का अभाव जैसे कई मुद्दों पर डेंटल काउंसिल ने आपत्ति जतायी थी। संविदा पर बहाल शिक्षकों के अलावा अन्य कमियों को भी दूर नहीं किया जा रहा है।

पटना डेन्टल कॉलेज में अभी संविदा पर शिक्षकों की बहाली की गई है। स्थायी शिक्षकों की भी नियुक्ति शीघ्र होगी।

– आरके महाजन, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग

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