पटना हाईकोर्ट तय करेगा कि बिहार में फ्रूट बियर बिकेगी या नहीं : सुप्रीम कोर्ट
बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें शक्तिवर्धक यानी एनर्जी ड्रिंक और फ्रूटबियर के एक गोदाम की सील हटाने के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट ने मामला पटना हाईकोर्ट वापस भेज दिया और कहा कि हाईकोर्ट तय करे कि बिहार में एनर्जी ड्रिंक या फ्रूट बियर शराबबंदी के कानून तहत बिक सकती हैं या नहीं।
जस्टिस कुरियन जोसेफ और आर भानुमति की पीठ ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वह 6 हफ्ते में इस मुद्दे का निस्तारण करे।
एनर्जी ड्रिंक में 0.2 से 05 फीसदी एथिल एल्कोहल…….
गत 9 फरवरी 2017 को पटना के आलमगंज थाने में एनर्जी ड्रिंक और फ्रूट बियर में एल्कोहल को लेकर एक रिपोर्ट दर्ज हुई थी जिसके बाद आबकारी विभाग और पटना पुलिस ने अंगद नगर स्थित एक गोदाम पर छापा मारा। गोदाम से 40 लाख रुपये के एनर्जी ड्रिंक और फ्रूट बियर मिली जिसके बाद गोदाम मालिक के खिलाफ शराबबंदी कानून के तहत के मुकदमा दायर किया गया। बरामद माल के सैंपल लिए। एक्साइज कैमिस्ट की रिपोर्ट में एनर्जी ड्रिंक में 0.2 से 05 फीसदी एथिल एल्कोहल मिला जबकि फ्रूटबियर में इसकी मात्रा0.2 से 1.2 फीसदी थी।
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गोदाम मालिक ने इसके खिलाफ अप्रैल 2017 में पटना हाईकोर्ट में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत याचिका दाखिल की। इसमें मांग की गई कि उसके खिलाफ एफआईआर को रद्द किया जाए और गोदाम की सीलिंग हटाई जाए।
पटना हाईकोर्ट ने सील हटाने आदेश दे दिए
हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान गोदाम मालिक के खिलाफ करवाई पर रोक लगा दी और40 लाख के मुचलके पर गोदाम की सील हटाने आदेश दे दिए। लेकिन विभाग ने सील नहीं हटाई जिस पर हाईकोर्ट ने 31 अगस्त को पटना हाईकोर्ट ने एक्साइज विभाग के अफसरों को अदालत में सम्मन किया। हार्ठकोर्टके इस आदेश के खिलाफ बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट आ गई।
राज्य सरकार का तर्क था कि 2016 के शराबबंदी कानून के अनुसार राज्य में किसी भी तरह की एल्कोहल पर प्रतिबंध है चाहे वह साफ्टड्रिंक या पेयपदार्थाें में ही क्यों न हो।
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