पीयू वीसी डा. रासबिहारी सिंह बोले, अनुमति मिली तो 10 दिसंबर के पहले करा दूंगा छात्रसंघ चुनाव
पटना विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रासबिहारी सिंह ने कहा कि हमें बस आदेश का इंतजार है। अगर 23 की बैठक में अनुमति मिल जाएगी तो 10 दिसंबर के पहले चुनाव करा दूंगा। बता दें कि पटना विश्वविद्यालय में 10 दिसंबर से पीजी की परीक्षा है। वीसी ने कहा कि इस बार चुनाव में छात्र संगठनों को हर तरह की सुविधा और अधिकार दिए जाएंगे। विश्वविद्यालय और कॉलेजों में होने वाले कार्यक्रमों में भी छात्र प्रतिनिधियों की भागीदारी रहेगी। वैसे पूरी उम्मीद है कि छात्र संघ का चुनाव होगा।
दरअसल, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआडी) ने छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए सभी राज्यों के राज्यपाल को पत्र लिखा है। इसके अलावा पत्र में उच्च शिक्षा की स्थिति बेहतर बनाने और विश्वविद्यालयों में डिजिटली कार्यों को बढ़ावा देने को कहा गया है। डिजिटली कार्यों में प्रवेश प्रक्रिया से लेकर अन्य सभी तरह की प्रक्रियाओं को ऑनलाइन तरीके से करने का निर्देश दिया गया है। केन्द्र सरकार भी चाहती है कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में नियमित समय पर चुनाव हों। लिंग्दोह की सिफारिशों के अनुसार चुनाव कराया जाए। विश्वविद्यालय के कैंपस से चुने जाने वाले छात्र नेता आगे चलकर समाज और देश के लिए कुछ बेहतर करें।
छात्र संघ चुनाव के लिए 23 की बैठक होगी महत्वपूर्ण
राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक 23 नवम्बर को बुलायी गयी है। बैठक में छात्र संघ चुनाव कराने पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा कई मुद्दों पर कुलाधिपति के साथ कुलपतियों की बैठक होनी है। इसमें कई तरह एकेडमिक मुद्दों पर चर्चा होनी है। खासकर एकेडमिक सत्र को बेहतर करना प्राथमिकता में हैं।
स्पेशल ब्रांच की टीम ने लिया जायजा
स्पेशल ब्रांच की टीम कुछ कार्यों और विश्वविद्यालय में होने वाले छात्र संघ चुनाव कराने की जानकारी प्राप्त करने के लिए पहुंची थी। टीम के दो सदस्य मौजूद थे। इन लोगों की नजर पटना विश्वविद्यालय के छात्रावासों पर है। टीम ने पहले छात्रावासों की जानकारी ली।
छात्र संगठनों में जबरदस्त उत्साह
पटना विवि में छात्र संघ चुनाव को लेकर छात्र संगठनों में काफी उत्साह है। इसकी तैयारी भी छात्र संगठन शुरू कर चुके हैं। विश्वविद्यालय में कैंपेनिंग की प्रक्रिया चल रही है। हॉस्टलों में छात्रों से मिलकर अपनी तरफ रुझाने में जुट गए हैं छात्र संगठन व भावी उम्मीदवार। सभी संगठन अपने को मजबूत करने में लगे हैं। हालांकि, कई बड़े संगठनों में आपसी मतभेद भी हैं, वहीं कुछ संगठन तो हवा-हवाई बातें भी करने लगे हैं।