पीएम मोदी आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक, 3 मई के बाद की रणनीति पर होगी चर्चा

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कोरोना के खिलाफ देशव्यापी लड़ाई के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज सुबह मुख्यमंत्रियों के साथ बात करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि इस चर्चा के दौरान लॉकडाउन से धीरे-धीरे निकलने के उपायों पर चर्चा हो सकती है। देश में कोविड-19 महामारी फैलने के बाद प्रधानमंत्री के साथ राज्य के मुख्यमंत्रियों की तीसरी बार विडियो कॉन्फ्रेंसिंग होगी।

देशव्यापी लॉकडाउन से निकलने पर हो सकती है चर्चा

सरकारी सूत्रों ने इस बात के संकेत दिए हैं कि कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए आगे के रास्ते के अलावा लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे इससे निकलने पर चर्चा की जाएगी। देशव्यापी कोरोना वायरस लॉकडाउन दूसरी बार 3 मई तक के लिए बढ़ाया गया है।केन्द्र और राज्य सरकार ने लोगों को राहत और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कई क्षेत्रों में राहत दी है। लेकिन, कुछ राज्य कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में रखने के लिए लॉकडाउन को 3 मई के आगे भी बढ़ाने के इच्छुक हैं।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते देश को पहली बार लॉकडाउन करने का ऐलान पीएम मोदी ने 24 मार्च को किया था और 25 मार्च से तीन हफ्ते यानि 14 अप्रैल के लिए लॉकडाउन लागू किया गया। लेकिन, लगातार कोरोना के नए आने के देखने के बाद इसे और 2 हफ्ते के लिए बढ़ाकर 3 मई तक किया गया।

पीएम मोदी ने रविवार को अपने बात कार्यक्रम में कहा, ”हम भाग्यशाली हैं कि आज, पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन, इस लड़ाई का सिपाही है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। आप कहीं भी नज़र डालिये, आपको एहसास हो जाएगा कि भारत की लड़ाई जनता द्वारा लड़ी जा रही (पीपुल ड्रिवेन) है।  प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में समाज के सभी वर्गों के योगदान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि एक दूसरे की मदद के लिये हर जगह लोग आगे आ रहे हैं।”

पीएम मोदी ने इस अभियान में कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में मिली शुरुआती कामयाबी का जिक्र करते हुए देशवासियों को अति आत्मविश्वास में आने से बचने के प्रति आगाह भी किया। उन्होंने पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, ”हमारे यहां कहा भी गया है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी।” उन्होंने लॉकडाउन के दौरान इस संक्रमण के खिलाफ जनभावनाओं को समेकित करने के लिये ताली, थाली बजाने और दीया मोमबत्ती जलाने के अभियान को मददगार बताया। मोदी ने कहा, ”इन गतिविधियों ने जनभावनाओं को जज्बे में तब्दील कर दिया।

कोरोना ने सभी क्षेत्रों मं समाज की सोच बदली 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस बीमारी ने विभिन्न क्षेत्रों में समाज की सोच को भी बदला है। उन्होंने कहा कि भले ही कारोबार हो, कार्यालय की संस्कृति हो, शिक्षा हो या चिकित्सा क्षेत्र हो, हर कोई कोरोना वायरस महामारी के बाद की दुनिया में बदलावों के अनुरूप खुद को ढाल रहा है। उन्होंने केन्द्र, राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल की सराहना करते हुये कहा कि डाक विभाग से लेकर उड्ययन और रेल मंत्रालय सहित अन्य संबद्ध महकमे राहत एवं चिकित्सा सामग्री को देश के कोने-कोने में जरुरतमंद लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने संकट की इस घड़ी में कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिये जरूरतमंद देशों को दवाइयों की आपूर्ति करने के फैसले को मुसीबत में दूसरों का भी साथ देने की भारत की संस्कृति और मूल चरित्र पर आधारित बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमने भारत की आवश्यकताओं के लिए जो करना था, उसका प्रयास तो बढ़ाया ही, लेकिन, दुनिया-भर से आ रही मानवता की रक्षा की पुकार पर भी, पूरा-पूरा ध्यान दिया। हमने विश्व के हर जरूरतमंद तक दवाइयों को पहुँचाने का बीड़ा उठाया और मानवता के इस काम को करके दिखाया। उन्होंने कहा, ”आज जब मेरी अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्षों से फ़ोन पर बात होती है तो वो भारत की जनता का आभार जरुर व्यक्त करते हैं। जब वे लोग कहते हैं, ”थैंक्यू इंडिया, थैंक्यू पीपुल ऑफ इंडिया तो देश के लिए गर्व और बढ़ जाता है।

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये आयुष मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल का प्रयोग करने की अपील की। इस दौरान मोदी ने कोविड-19 के संक्रमण के खतरे के मद्देनजर देशवासियों से सार्वजनिक स्थलों पर थूकने की आदत को हमेशा के लिये खत्म करने का भी आह्वान किया। मोदी ने कहा, ”हमारे समाज में एक और बड़ी जागरूकता ये आयी है कि अब सभी लोग ये समझ रहे हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के क्या नुकसान हो सकते हैं। यहाँ-वहाँ, कहीं पर भी थूक देना, गलत आदतों का हिस्सा बना हुआ था। ये स्वच्छता और स्वास्थ्य को गंभीर चुनौती भी देता था।

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