🔶जीवन का यथार्थ और समाज का आईना था प्रेमचंद का साहित्य..

🔷 पेश है उनकी एक रचना निर्वासन का नाट्य रूपांतरण..

🔷 पुरुष प्रधान समाज पर चोट करती कहानी है निर्वासन..

💠कलाकार/

🔷मर्यादा- #प्रीतिप्रभा

🔶परशु राम- #रामकुमार

🔷निर्देशक – #सुमनकुमार

🔶कैमरा – #कुमुदरंजन

🔷संपादन- #संतोषझा

Facebook Comments
Previous articleजदयू विधायक के बेटे का शव रेल ट्रैक से बरामद
Next articleपहले बांसुरी-शंख ,अब भगवान भोलनाथ बने लालू के कन्‍हैया
Udhav has completed his Bachelor's and Master's degree in Journalism and Mass Communication from Nalanda Open University in Patna. He writes about all social issues and as he says in his own words, "HE IS A JOURNALIST BY EDUCATION"