राहत पैकेज में 20 लाख करोड़ के साथ लॉकडाउन-4 की तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आत्मनिर्भर भारत का आह्वान करते हुए देश के लघु,मध्यम, मझोले उद्योग, सहित सभी सेक्टर को राहत देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के अभुतपूर्व आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। इस दौरान उन्होंने लॉकडाउन के चौथे चरण को भी स्पष्ट किया और कहा, यह नए रंग रूप और नए नियमो वाला होगा। इसकी जानकारी 18 मई के पहले दी जाएगी। पैकेज का विस्तार से विवरण वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार से देंगी।
प्रधनमंत्री ने कठोर सुधारो की भी वकालत की। उन्होंने कहा 2020 में 20 लाख करोड़ के पैकेज से देश की थमी हुई अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही कारोबार और निवेश को प्रोत्साहिस करने कि दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे और भारत सरकार के मिशन मेक इन इंडिया को भी बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पैकेज आत्मनिर्भर भारत के अभियान को गति देगा। इसमे लैंड,लेबर लिक्विडिटी, लॉ सब शामिल होगा।
लोकल के लिए वोकल बनें
प्रधानमंत्री ने स्थानीय मांग और आपूर्ति को बढ़ाने का उल्लेख करते हुए देशवासियों से इसे अपना जीवनमंत्र बनाने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहा मौजूदा संकट ने लोकल का महत्व समझा दिया है। इस लोकल ने ही संकट में हमारी मांग पूरी की। लोकल ने ही हमें बचाया। इसलिए लोकल के लिए हमें वोकल बनना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा दुनिया मे जो भी ग्लोबल ब्रांड बने हैं वे सब कभी लोकल थे। हमें लोकल पर गर्व करना होगा।
ऐसा संकट पहले कभी नही
प्रधानमंत्री ने कहा एक वायरस ने पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया। ऐसा संकट न कभी देखा न सुना। ये अभूतपूर्व संकट है। लेकिन थकना नहीं है, हारना नही है, टूटना नही है, बिखरना नही है। सतर्क रहते हुए नियमो का पालन करते हुए बचना भी है और आगे भी बढ़ना है। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा।
21वीं सदी हमारी होगी
प्रधानमंत्री ने कहा 21 वी सदी भारत की हो ये सपना नही हम सबकी जिम्मेदारी है। इसका एक ही मार्ग है, आत्मनिर्भर भारत। उन्होंने कहा विश्व मे आत्मनिर्भर शब्द के मायने बदल गए हैं। अर्थकेन्द्रित वैश्वीकरण बनाम मानव केंद्रित वैश्वीकरण की चर्चा चल रही है। भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है तो भारत की आत्मनिर्भरता में आत्मकेंद्रित सोच नही, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना निहित होती है।
आपदा को अवसर में बदला
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं एक उदाहरण के साथ अपनी बात बता रहा हूं। जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति यह है कि भारत में ही हर रोज दो लाख पीपीई और दो लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। हम ऐसा इसलिए कर पाए, क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया। ऐसा करने की भारत की दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प के लिए उतनी ही प्रभावी होने वाली है।
आत्मनिर्भर भारत के पांच सूत्र
- अर्थव्यवस्था : प्रधानमंत्री ने कहा पहला स्तंभ अर्थव्यवस्था है। ऐसी अर्थव्यवस्था जो क्वांटम जम्प (पर्याप्त उछाल) वाली हो।
- आधारभूत संरचना : आत्मनिर्भर भारत के लिए दूसरा स्तंभ आधारभूत संरचना है जो आधुनिक भारत की पहचान बने।
- सिस्टम : तीसरा स्तंभ हमारा सिस्टम जो 21वीं सदी की तकनीकी आधारित व्यवस्था पर आधारित हो।
- डेमोग्रेफी : चौथा स्तंभ डेमोग्रेफी है जो जीवंत लोकतंत्र की ताकत है।
- डिमांड : पांचवा स्तंभ डिमांड है। मोदी ने कहा, हमें मांग और आपूर्ति के चक्र का पूरी छमता से इस्तेमाल करने की जरूरत है।
राहत पैकेज जीडीपी का 10 प्रतिशत
प्रधानमंत्री ने कहा, इस आर्थिक पैकेज में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक की तरफ से की गई पहले की घोषणाएं भी शामिल हैं। उन्होने कहा कि अगर इसे जोड़ दें तो ये करीब-करीब 20 लाख करोड़ रुपये का है। ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है।