117 साल के पृथ्वी शॉ ने सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी की
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टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर को उनके रिकॉर्ड के चलते रिकॉर्ड सचिन रमेश तेंदुलकर के नाम से भी जाना जाता है। सचिन के नाम क्रिकेट में लगभग सारे रिकॉर्ड दर्ज हैं। चाहे वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हो या फिर फर्स्ट क्लास क्रिकेट।
महान खिलाड़ी के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली
हालांकि टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली वनडे में तेजी से सचिन के रिकॉर्ड की ओर भाग रहे हैं। लेकिन सचिन ने अपने नाम वनडे और टेस्ट में इतने सारे रिकॉर्ड बनाये हैं कि उसे तोड़ने के बारे में शायद ही कोई खिलाड़ी सोचे।बहरहाल मुंबई के एक 17 साल के बच्चे ने भले ही सचिन के एक रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया, लेकिन उसने इस महान खिलाड़ी के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है।
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दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गये
दरअसल पृथ्वी शॉ नाम के युवा क्रिकेटर ने दलीप ट्राफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में शानदार शतक जमाया और इस टूर्नामेंट में शतक जमाने वाले सचिन के बाद दूसरे क्रिकेटर बन गये हैं। वह 17 साल 320 दिन से दलीप ट्राफी में सैकड़ा बनाने वाले दूसरे सबसे युवा खिलाड़ी बन गये। उनसे पहले सचिन तेंदुलकर ने 17 साल 262 दिन की उम्र में यह उपलब्धि हासिल की थी।
पदार्पण कर रहे पृथ्वी शॉ और अनुभवी बल्लेबाज दिनेश कार्तिक के शतकों तथा तीसरे विकेट के लिये दोनों के बीच 211 रन की साझेदारी से इंडिया रेड ने इंडिया ब्लू के खिलाफ दलीप ट्राफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल के शुरुआती दिन 83.3 ओवर में पांच विकेट पर 317 रन का मजबूत स्कोर बना लिया. शॉ दलीप ट्राफी फाइनल मैच में शतक जड़ने वाले सबसे युवा क्रिकेटर बन गये।
154 रन की शतकीय पारी खेली
टास जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी इंडिया रेड के लिये सलामी बल्लेबाज शॉ ने शानदार शुरुआत की, उन्होंने 249 गेंद का सामना करते हुए 18 चौके और एक छक्के से 154 रन की शतकीय पारी खेली। दूसरे सलामी बल्लेबाज अखिल हरवादकर 25 रन बनाकर रन आउट हुए, जिससे पहले विकेट के लिये 74 रन की भागीदारी का अंत हुआ। सूर्यकुमार यादव महज आठ रन ही जोड़ सके। इन दोनों के आउट होने के बाद कार्तिक क्रीज पर उतरे।
तमिलनाडु को छह विकेट से पराजित किया
कार्तिक ने शॉ के साथ अच्छा साथ निभाया जिससे दोनों ने तीसरे विकेट के लिये 211 रन की भागीदारी निभायी। कार्तिक ने 155 गेंद का सामना करते हुए 111 रन की पारी खेली जिसमें 12 चौके जड़े। इस साल के शुरू में रणजी ट्राफी में पदार्पण के दौरान शॉ ने शतक जमाकर मुंबई को फाइनल में पहुंचाया था, जिसने तमिलनाडु को छह विकेट से पराजित किया था।
बाबा इंद्रजीत भी केवल चार ही बना सके और भार्गव भट्ट का शिकार बने, जो इंडिया ब्लू के लिये सबसे सफल गेंदबाज बने जिन्होंने 26 ओवर में 83 रन देकर तीन विकेट झटके। अक्षय वाखरे को एक विकेट कार्तिक के रुप में मिला। स्टंप तक इशांक जग्गी नौ रन बनाकर क्रीज पर मौजूद थे।
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