भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में थलाइवा के नाम से प्रसिद्ध अभिनेता रजनीकांत भी अब अमिताभ बच्चन की राह पर चल निकले हैं। उन्होंने अमिताभ की तरह हमेशा के लिए राजनीति छोड़ने की घोषणा की है। थलाइवा ने कहा है कि ‘भविष्य में राजनीति में आने की मेरी कोई योजना नहीं है।’ अपने इस फैसले के ऐलान करने के साथ उन्होंने अपने मंच रजनी मक्कल मंदरम को भी भंग कर दिया है।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि वे रजनी मक्कल मंदरम के पदाधिकारियों से बातचीत कर राजनीति में आने या न आने का फैसला करेंगे। बता दें कि आज वे अपने प्रशंसकों से भी मुलाकात करने वाले हैं। 2018 में अस्तित्व में आए रजनी मक्कल मंदरम को रजनीकांत की राजनीतिक पार्टी के लिए लॉन्च व्हिकल माना जाता था। पिछले साल के अंत में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अभिनेता ने राजनीति से दूरी बनाई थी। अभिनेता ने ऐलान किया था कि वह राजनीति में नहीं आएंगे और पहले से यह भी घोषणा की गई थी कि राजनीतिक दल भी शुरुआत नहीं करेंगे। अब उन्होंने अधिकारिक रूप से राजनीति छोड़ने का फैसला ले लिया है।
साउथ के कलाकारों का सक्रिय राजनीति में कदम रखना कोई आश्चर्य नहीं है। कई अभिनेता फिल्मों में काम करने के राजनीति में भी सफल हुए और सीएम की कुर्सी तक भी पहुंचे। लेकिन पिछले कुछ सालों से साउथ के कलाकारों को राजनीति में बड़ी कामयाबी नहीं मिली है। बता दें कि रजनीकांत के लंबे समय से सक्रिय राजनीति में आने की चर्चा चल रही थी। लगभग एक साल पहले यह चर्चा थी कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन इस चर्चा पर विराम लग गया। इसके बाद यह बात भी सामने आई कि कमल हासन के साथ मिलकर अलग पार्टी बना सकते हैं। पर यह कयास भी गलत साबित हुए। कमल हासन को तमिलनाडू विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा साउथ के दूसरे बड़े अभिनेताओं को भी हाल की राजनीति में बड़ी सफलता नहीं मिली है। फिर चाहे वह चिरजिंवी हों या उनके छोटे भाई पवन कल्याण।