रांची पुलिस ने छह साल की बच्ची के अपहरण की गुत्थी सुलझा ली है। दो युवतियों ने बच्ची को बूटी मोड़ से अगवा कर उसे बेंगलुरु में 40 हजार रुपए में बेच दिया था। मामले में सदर थाने की पुलिस अगवा होने के 25 दिन बाद बच्ची को बेंगलुरु के वेली कावड़ थाना क्षेत्र से बरामद कर रांची लायी है। साथ ही पुलिस ने अपहरणकर्ता रानी और गुड़िया को गिरफ्तार किया है। वहीं, बच्ची को खरीदने वाली बेंगलुरु निवासी बेबी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म स्वीकार किया है।

पूछताछ में गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने खुलासा किया कि बेंगलुरु की रहने वाली बेबी देवी का रांची में भी मकान है। वह उनके पड़ोस में रहती हैं। बेबी नि:संतान होने की वजह से कई बार उनसे बच्ची दिलाने की बात कही थी। उन्हें पैसे का भी लालच दिया था। इसी वजह से उन्होंने बूटी मोड़ स्थित सड़क से बच्ची को अगवा किया। इसके बाद उसे 40 हजार रुपये लेकर बेबी के हवाले कर दिया। बच्ची को लेकर बेबी बेंगलुरू रवाना हो गई।

सीसीटीवी से मिला सुराग

सदर थाने की पुलिस की टीम को लगभग एक दर्जन स्थानों के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद ऑटो चालक का पता चला। ऑटो चालक ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि दो लड़कियां ऑटो में एक बच्ची को लेकर बैठी थी। तीनों को उसने सदर थाना क्षेत्र के बड़गाईं के पास उतार दिया था। ऑटो चालक से बयान लेने के बाद पुलिस ने बड़गाईं चौक के पास स्थित सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। इसी बीच पुलिस को कपड़ा दुकान में दो लड़कियों के होने की जानकारी मिली। पुलिस ने कपड़ा दुकान में पूछताछ की तो पता चला कि दोनों ने बच्ची की ड्रेस खरीदी थी।

मां पुकार रही थी बेबी को

रांची पुलिस को जानकारी मिली कि बेबी नाम की महिला बेंगलुरू के वेली कावड़ थाना क्षेत्र में रहती है। आनन-फानन में रांची पुलिस की एक टीम बेंगलुरू पहुंची और वहां बेबी देवी के घर से मासूम अंचल को बरामद कर लिया। लेकिन बेबी देवी के घर में जब रांची पुलिस पहुंची और मासूम को देखा तो वह खुद हैरान रह गई, क्योंकि बेबी देवी को मासूम अंचल अपनी मां कह कर पुकार रही थी।

40 हजार दें, तब लाकर देंगे बच्ची

पूछताछ के दौरान बेबी देवी ने बताया कि उसे मासूम अंचल के अपहरण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वह नि:संतान है। शादी के 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक उसकी कोई संतान नहीं हुई। बेबी देवी के अनुसार उसका एक घर रांची में भी है और लॉकडाउन की वजह से जब बेंगलुरू में चल रहा होटल बंद हो गया, तब वे रांची में ही दो साल से रह रही थी। रांची में उसके पड़ोसी गुड़िया और रानी से उसकी मुलाकात हुई तो उन्होंने यह बताया कि एक बिन मां-बाप की बच्ची है। अगर आप 40 हजार दें तो वह उसे लाकर दे देगी। इसके बाद बेबी देवी ने गुड़िया और रानी को 40 हजार दे दिए। बच्ची के मिलने के बाद गुड़िया और रानी ने बेबी को बताया कि बच्ची अपनी नानी के पास रहा करती थी और बेहद गरीब है, इसलिए आप ले जाएं। जिसके बाद बेबी देवी मासूम अंचल को अपने साथ लेकर बेंगलुरू चली गई।

17 जुलाई को हुआ था अपहरण

रांची के बूटी मोड़ इलाके से भीख मांग कर गुजारा करने वाली एक महिला की छह साल की बच्ची गायब हो गई थी। इस संबंध में महिला ने सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद सदर थानेदार बेंकटेश कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया। थानेदार ने बूटी मोड़ इलाके का जब सीसीटीवी फुटेज खंगाला, फुटेज में देखा गया कि दो लड़की बच्ची को उठाकर एक ऑटो में लेकर फरार हो गई। तब पुलिस को अपहरण होने की जानकारी मिली। इसके बाद पुलिस बच्ची को बरामद करने में जुट गई।

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