3उत्तर बिहार से जुड़ गया पटना
60 व 70 के दशक तक पटना उत्तर बिहार से सड़क मार्ग से कटा हुआ था। लोगों को आने जाने के लिए महेंद्रु घाट से जहाज लेना पड़ता था, जो सोनपुर के पहलेजा घाट पहुँचती थी। आगे लोग रेल से जाते थे, वाहनों को गंगा पर ले जाने और वापस लाने के लिए एलसीटी घाट से बॉर्ज़ था। 1982 में गंगापुल का निर्माण भी एक महत्वपूर्ण घटना थी। इससे पटना और उत्तर बिहार के कई हिस्सों की दूरी सड़क मार्ग से बहुत घट गई। पहले जहां तक पहुंचने के लिए बस और ट्रेन से 100 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तय करनी पड़ती थी, वहाँ अब महज़ 5-6 किलोमीटर लंबे पुल को पार कर पहुंचा जा सकता था। इस से पटना आने जाने वाले लोगों की संख्या बहुत बढ़ गई और हर दिन एक डेढ़ लाख लोग उत्तर बिहार से यहां आने जाने लगे।
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