480 के दशक में तेजी से बढ़ा यातायात
गांधी सेतु बनने से पटना की सड़कों पर तेजी से यातायात बढ़ा। पल बनने से पहले पटना की सड़कों पर बमुश्किल हजार वाहन चलते होंगे। साठ के दशक में तो रिक्शा ही मुख्य सवारी हुआ करती थी और कार-जीप जैसे बड़े वाहन सड़क पर घंटे भर में बमुश्किल से 1-2 दिखाई पड़ते थे। 70 व 80 के दशक में इसमें कुछ इजाफा हुआ, फिर भी जाम जैसे समस्या से लोगों को दो-चार नहीं होना पड़ता था। लेकिन गांधी सेतु बनने से बाहर के वाहन बड़ी संख्या में पटना आने और यहां की सड़कों पर दौड़ने लगे। सेतु के चालू होने से पहले सड़कों की चौड़ाई 15 से 18 फीट से अधिक नहीं थी, यहां तक कि बेली रोड, कंकड़बाग मुख्य सड़क और बाईपास तक इतने ही चौड़े थे। लेकिन सेतु के चालू होने से बड़े यातायात को समान के लिए इन की चौड़ाई बढ़ाकर 32 फीट और बाद में 70 फिट तक किया गया।
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