बिहार बजट : सड़कों का बिछेगा जाल, खुशहाल होंगे गांव
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए एक लाख 76 हजार 990 करोड़ का बजट पेश किया। इसमें गांवों की खुशहाली और पूरे राज्य में सड़कों का खास ध्यान रखा गया है। इसके साथ ऊर्जा, कृषि और कल्याण क्षेत्र के विकास को भी प्रमुखता दी गई। वहीं, कोई नया कर नहीं लगाया गया है।
उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा मंगलवार को विधानमंडल में पेश अगले साल का बजट वर्तमान वर्ष से 17 हजार करोड़ रुपए अधिक है। योजना मद में अगले साल 92 हजार 317 करोड़ खर्च होंगे, जो वर्तमान वर्ष से 12 हजार करोड़ अधिक हैं। गैर योजना में 84 हजार 672 करोड़ खर्च होंगे।
अगले साल सड़क निर्माण पर 17 हजार 397 करोड़ का प्रावधान किया गया है। यह राशि कुल बजट का लगभग 10 फीसदी है। इससे शहरों और गांवों में सड़कों का नेटवर्क और पुख्ता किया जाएगा। ऊर्जा के विकास पर 6186 करोड़ खर्च होंगे। कमजोर वर्ग के कल्याण पर 10 हजार 188 करोड़ खर्च किए जाएंगे। बजट की कुल राशि की बात करें तो सबसे अधिक 32 हजार 125 करोड़ शिक्षा विभाग को दिया गया है।
सात निश्चय पर 2.7 लाख करोड़ खर्च होंगे
सात निश्चय पर भी बजट में पूरा ध्यान दिया गया है। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार सात निश्चय के तहत युवाओं के कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण, हर घर बिजली, सभी घरों में नल का जल, शौचालय निर्माण, गांवों में पक्की गली निर्माण और टोलों को संपर्कता प्रदान की जाएगी। इन सभी पर वर्ष 2020 तक 2.70 लाख करोड़ खर्च होंगे।
हर खेत को पानी को अलग बिजली प्वाइंट
हर खेत को पानी मिले, इसके लिए अलग से बिजली का प्वाइंट किसानों को दिया जाएगा। इसके लिए राज्य में फीडर, तार से लेकर अलग ट्रांसफॉर्मर लगाए जा रहे हैं। फीडर से अलग निकले तारों से केवल पटवन की सुविधा मिलेगी। 2019 तक इस योजना को पूरा कर लिया जाएगा। वहीं जैविक कॉरिडोर के तहत 0.30 एकड़ जमीन पर किसानों को सब्जी का उत्पादन करने के लिए छह हजार रुपये प्रति किसान अग्रिम अनुदान दिया जाएगा।
पॉलिटेक्निक-आईटीआई के लिए भी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड
बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए सस्ती दर पर विद्यार्थियों को लोन देने के लिए शिक्षा वित्त निगम का गठन किया जा रहा है, जो एक अप्रैल, 2018 से प्रभावी होगा। इसके तहत विद्यार्थियों को बैंकों के मुकाबले सस्ती दर पर लोन मिलेंगे। निगम द्वारा पॉलिटेक्निक और आईटीआई करने के लिए भी विद्यार्थियों को स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत लोन मिलेगा। इन दोनों की पढ़ाई के लिए बैंक लोन नहीं दे रहे थे।
ऊर्जा : राज्य के 1.06 लाख टोलों में 84 हजार 359 को बिजली मुहैया करा दी गई है। अप्रैल, 2018 तक शेष 21 हजार 890 टोलों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। दिसंबर 2018 तक राज्य के सभी परिवारों को बिजली का कनेक्शन दे दिया जाएगा। 275 नया पावर सब स्टेशन, 11 केवी के कृषि क्षेत्र में 732 और ग्रामीण क्षेत्र में 795 फीडर का निर्माण कराया जाएगा।
सड़क : गांवों और शहरों के सड़कों के साथ-साथ मुख्य सड़कों के निर्माण पर 17 हजार 397 करोड़ खर्च किए जाएंगे। गंडक नदी पर चकिया-केसरिया पुल, मुजफ्फरपुर-छपरा के बीच बंगरा घाट पुल, धनहा-रतवल घाटपुल संपर्क पथ दिसंबर 2018 तक पूरा होगा। सोन नदी पर दाउदनगर-नासरीगंज पुल और कोसी नदी पर बलुआहा घाट पुल से गंडौल के बीच पुल और पहुंच पथ जून 2018 तक पूरा होगा।
ग्रामीण विकास : ग्रामीण विकास विभाग को विकास कार्य के लिए 2018-19 में 9424 करोड़ दिया गया है। अनुसूचित जाति-जनजाति के बसावटों के लिए संपर्क सड़क, उनका पक्कीकरण और नाली निर्माण पर जोर दिया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में दस लाख स्वयं सहायता समूल गठित कर राज्य के सभी गावों में जीविका ग्राम संगठन को कार्यशील बनाया जाएगा।
2018-19 में योजना मद में खर्च
विभाग राशि प्रतिशत
शिक्षा 19190 20.81
ग्रामीण विकास 15444 16.82
ग्रामीण कार्य 9495 10.34
समाज कल्याण 6785 7.39
ऊर्जा 6185 6.74
पथ निर्माण 5904 6.43
स्वास्थ्य 3735 4.07
पंचायती राज 2774 3.02
नगर विकास 2635 2.87
पीएचईडी 2626 2.86
(राशि करोड़ में)
मुख्यमंत्री के सात निश्चय, तीनरे कृषि रोड मैप, प्रधानमंत्री के बिहार पैकेज, घह घर-खेत को बिजली, शराबबंदी, बाल विवाह और दहेज विरोधी अभियान के बलबूते भ्रष्टाचार मुक्त, विककि, बिहार बनाने की संकल्प की दिशा में बिहार का यह बजट मील का पत्थर साबित होगा।
– सुशील कुमार मोदी, वित्तमंत्री, बिहार
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