राजधानी में मास्क लगाए बिना घर से निकलने पर दो हजार रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। इतना ही नहीं महामारी एक्ट के तहत प्राथमिकी भी दर्ज करते हुए छह महीने की सजा हो सकती है। हालांकि, यह सख्ती पटना पुलिस अभी केवल वाहन चालकों पर ही दिखा रही है। मोहल्ले में बेवजह पैदल घूमने वालों को घर भेजने के लिए पुलिस की लाठी ही कारगर है।
चौक-चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि उन्हें आदेश है कि केवल आवश्यक सेवाओं को छोड़कर अन्य प्रकार के वाहनों को रोका जाए। सवार लोगों से घर से निकलने की वजह पूछी जाए। अगर कोई सामान लाने के लिए निकलने की बात कहता है तो उससे दो हजार जुर्माना वसूला जाता है। इतना ही जुर्माना, उन वाहन चालकों से भी वसूला जा रहा है, जो मास्क पहनकर वाहन नहीं चलाते। जुर्माना देने से मना करते हैं और बेवजह झड़प करने पर प्राथमिकी दर्ज की जाती है।
वहीं, थानाध्यक्षों का कहना है कि गली-मोहल्लों में घूमने वाले सभी लोगों से जुर्माना वसूलना संभव नहीं है। उन्हें पुलिस समझाकर घर भेज देती है। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि प्रशासन और मुख्यालय के निर्देश पर लॉकडाउन अथवा बिना मास्क के चलने वालों के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई की जा रही है।
वहीं डीडीसी रिची पांडेय ने बताया कि मास्क पहनने के निर्देश का अनुपालन के लिए स्थानीय निकायों को प्राधिकृत किया गया है।
– पैदल चलने वालों के लिए पुलिस की लाठी ही काफी, वाहन चालकों पर है ज्यादा सख्ती
– लॉकडाउन उल्लंघन के आरोप में जुर्माने की वसूली, प्राथमिकी भी दर्ज कर रही पुलिस