गांधी मैदान में इसबार भी रामलीला और रावणवध का आयोजन नहीं होगा। कालिदास रंगालय में दशहरा का तीन दिवसीय आयोजन होगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए गुरुवार को यह निर्णय लिया गया। आयोजन में सीमित संख्या में ही लोग होंगे। कालिदास रंगालय में ही रावण वध सांकेतिक रूप से किया जाएगा।
जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक उपेंद्र कुमार शर्मा की श्रीदशहरा कमेटी ट्रस्ट पटना के अध्यक्ष कमल नोपानी तथा सचिव अरुण कुमार के साथ समाहरणालय में बैठक हुई। बैठक में कमेटी ने गांधी मैदान में ही छोटे स्तर पर तीन दिन का कार्यक्रम रामलीला, रावणवध, भरत मिलाप के आयोजन का प्रस्ताव रखा।
अधिकारियों ने इस पर सहमित नहीं दी। इसके बाद निर्णय लिया गया कि कालिदास रंगालय में तीन दिनों का आयोजन होगा। इन तीन दिनों में रामलीला, रावण वध, भरत मिलाप का कार्यक्रम किया जाएगा।
स्थान: कालिदास रंगालय में कार्यक्रम
तिथि कार्यक्रम
14 अक्टूबर रामलीला
15 अक्टूबर रावणवध
16 अक्टूबर भरत मिलाप
फेसबुक और यूट्यूब पर देख सकेंगे रावणवध
सामाजिक दूरी का पालन करते हुए सीमित संख्या में लोगों की भागीदारी होगी। कार्यक्रम का वर्चुअल प्रसारण होगा, जिसे फेसबुक, यूट्यूब, ट्विटर आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर देखा जा सकता है। अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को स्थानीय परिस्थितियों का आकलन कर उचित निर्णय लेने तथा आवश्यक अनुमति देने का निर्देश दिया गया है।
कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन समिति द्वारा किया जाएगा। किंतु अगर मामले बढ़ते हैं अथवा विपरीत परिस्थिति पैदा होती हैं तो अनुमति को रद्द भी किया जाएगा। आयोजन के दौरान आगामी पंचायत चुनाव 2021 में लागू आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन ना हो, इसका विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया।
सात अक्टूबर से शुरू होगा आयोजन
पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने के लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। दुर्गा पूजा का प्रारंभ सात अक्टूबर को कलश स्थापन के साथ होगा। 15 अक्टूबर को विजयादशमी के साथ पूजा समाप्त होगी। आयोजन के लिए पूजा पंडाल, मंडप की स्थापना के लिए लाइसेंस निर्गत करने से पूर्व कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत निर्देशों का अनुपालन करना होगा।
संक्रमण बढ़ने पर अनुमति पत्र होगा रद्द
कोरोना संक्रमण में वृद्धि के संकेत प्राप्त होने पर स्थानीय परिस्थितियों के आकलन तथा उच्च स्तरीय निर्देश के आलोक में निर्गत अनुमति रद्द की जा सकती है। किसी भी प्रकार के आयोजन की अनुमति देने के क्रम में यह सुनिश्चित कर लेना है कि पंचायत चुनाव 2021 के लिए निर्धारित आदर्श आचार संहिता के किसी निर्देश का उल्लंघन ना हो।