बालू संकट: पटना हाई कोर्ट ने बालू खनन पर लिया बड़ा फैसला, जानिए क्या
पटना हाईकोर्ट ने बिहार लघु खनिज नई नियमावली 2017 पर रोक लगा दी है। साथ ही पुरानी नियमावली के तहत काम करने का आदेश दिया है। इसके अलावा मामले को विस्तृत सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। कोर्ट ने सभी पार्टी को अपना-अपना लिखित पक्ष दायर करने को कहा है। मामले पर जल्द सुनवाई करने के लिए कोर्ट से अनुरोध करने की छूट दी है।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेन्द्र मेनन एवं न्यायमूर्ति डा. अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने नौ रिट याचिकाओं पर सोमवार को एक साथ सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।दरअसल, राज्य में अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इस वर्ष नई नियमावली बनाई जिसे 10 अक्टूबर को बिहार गजट में प्रकाशित किया गया था। 14 नवम्बर को बालू-गिट्टी का रेट जारी किया गया। नई नियमावली का खनन कंपनियां और ट्रांसपोर्टर विरोध कर रहे थे।
इससे राज्य में बालू संकट बना हुआ था। इसी मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। सोमवार को कोर्ट ने बालू, गिट्टी, मिट्टी के खनन, बिक्री और परिवहन के लिए बनाई गई नई नियमावली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए विस्तृत सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। राज्य सरकार के सामने विकल्प यह है कि वह इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे या फिर पुरानी नियमावली के अनुसार बालू-गिट्टी खनन को मंजूरी दे।
हाईकोर्ट जब तक अपने रोक के आदेश को वापस नहीं लेता है तब तक पुरानी नियमावली के तहत खनन का काम होगा। पुरानी नियमावली के तहत खनन का लाइसेंस देना जरूरी है। इसकी एक प्रक्रिया होती है, जिसमें समय लगेगा। हालांकि, कुछ जिलों में खनन के लाइसेंस को भी सरकार ने रद्द कर दिया है। इसे भी हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है।