TBN-patna-sarzameen-the-bihar-news

तेरी आंखें ही काफी है_

तेरा मुझसे कुछ कहने के लिए।

तेरी मुस्कान ही बहुत है_

मेरी मुस्कुराहट के लिए।

तू बस कह दे कुछ _

सब कुछ तेरा कर दूंगी।

एक बार मुझे मांग कर देख

खुद को हर जमाने के लिए तेरा कर दूंगी।।

 

अब कहां हम आपकी तरह_

दूसरे की बातों में,

अपने लिए खुशियां ढूंढने वालों में से हैं

हम तो बस आप में

अपना सब कुछ खो बैठे हैं ।

एक बार मुझे मांग कर देख _

खुद को हर जमाने के लिए तेरा कर दूंगी ।।

 

तेरा इशारा ही काफी है _

तेरा, मुझको कुछ समझा जाने के लिए ।

तेरी तड़प ही बहुत है _

मेरी धड़कन को धड़का जाने के लिए ।।

जमाना बदल जाएगा ,

जानम ! तुम भी बदल जाना __

अब हम कहां, मरते दम तक बदलने वाले

अब हम कहां सनम आपको,

मरने के बाद भी भूलने वाले ।।

एक बार इजाजत तो दे _ खुदा कसम

खुद को हर जमाने के लिए तेरा कर दूंगी

 

तेरी बातें ही काफी है _

मेरी शायरी के लिए ।

हमारी एक मुलाकात ही बहुत है,

इस खुशनसीब के पुरे जिंदगी के लिए ।

हाय ! तुम मौसम बन

हमें बेईमान कर गए ।

कमबख्त – हम तो बिन मौसम बरसात है

हमारे होने पर कोई रोता है __

कोई खुश होता है ।।

कभी रितु, कभी बसंत _ तो कभी इस पतझड़ को

अपना दीदार बना लिया ।।

सनम! आप तो मौसम बन _

कुछ क्या सब कुछ बदल गए ।

हम तो बरसात बन __

आज भी आपके इंतजार में ,,

आज यहां कल वहां बरसते रहे

फर्क सिर्फ इतना था __

खुदगर्ज , हो कर सनम आपने हमको भुला दिया।

हमने तो सूखी जमीन को भी __

अपने एकतरफा ,प्यार की मोहब्बत से भिगो कर

आपके लिए अपना सर्जन बना लिया ।।

Facebook Comments
Previous articleपद्मावत प्रदर्शन LIVE:रिलीज के खिलाफ राजस्थान और बिहार में करणी सेना का हंगामा, 4 राज्‍यों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सोमवार को सुनवाई
Next articleआज निपटा लें बैंक के काम, वरना हो जाएगी पैसे की किल्लत, जानें क्यों
student of class 11th, interested in exploring about history and social issues. crazy behind nation, stands with own view , anchor, debator, blogger, realistic and not realistic writer.