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राजधानी में मानवता हुई शर्मसार-पीएमसीएच खड़ा था शव वाहन, ऑटो में बॉडी ले गये परिजन

पटना : मरीजों की सुरक्षा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पीएमसीएच में शव वाहन की सुविधा दी है। लेकिन, यह वाहन परिजनों को नसीब नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह है कि शव वाहन परिसर में खड़ी रहती है और परिजन प्राइवेट वाहन रिजर्व कर शव को दाह संस्कार के लिए ले जाते हैं। इस तरह का मामला शुक्रवार को देखा गया। दरअसल इमरजेंसी वार्ड में भर्ती एक बुजुर्ग मरीज की मौत हो गयी, इसके बाद उनके परिजन शव वाहन के लिए चक्कर लगाते रहे. जब वाहन नहीं मिला, तो अंत में परिजन प्राइवेट वाहन लेकर अपने घर गये। इतना ही नहीं पोस्टमार्टम रूम के लिए भी शव वाहन नहीं मिल पाता है।

इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज की मौत के बाद उसे जब शव वाहन नहीं मिला, तो परिजनों ठेला रिजर्व कर पोस्टमार्टम कराने के लिए लेकर गये। इस तरह की घटना पीएमसीएच में रोजाना देखने को मिलती है।

वाहन के लिए भटकते रहे परिजन, निजी वाहन के लिए मोटी रकम मांग रहे थे हॉस्पिटल में मौजूद दलाल घंटों शव वाहन के लिए करना पड़ा इंतजार मृतक के परिजनों ने बताया कि मरीज की मौत के बाद नर्सों ने आनन-फानन में शव को बाहर निकाल दिया। इसके बाद अस्पताल परिसर में ही परिजन लाश रख कर शव वाहन के लिए इधर-अधर भटकने लगे। मजबूरन परिजनों को निजी वाहन के लिए कोशिश करना पड़ा। रोते-बिलखते परिजनों ने बताया कि अस्पताल के अंदर कुछ दलाल प्राइवेट वाहन मुहैया कराने की बात कह रहे थे। लेकिन, उनके ओर से मोटी रकम मांगी जा रही थी। इसलिए अंत में परिजन पीएमसीएच के बाहर गये और निजी खर्च पर प्राइवेट ऑटो रिजर्व कर लाये।

पोस्टमार्टम के बाद होती है परेशानी

पीएमसीएच में कहने को शव वाहन की सुविधा दी गयी है। लेकिन, यहां अधिकांश परिजन शव को निजी वाहन से ही ले जाते हैं। इतना ही नहीं कई बार तो ठेले या फिर कंधे पर रख कर शव ले जाते देखा गया है। यहां तक कि इमरजेंसी से पोस्टमार्टम हाउस व वहां से शव को गंतव्य तक ले जाने की समस्या परिजनों के सामने खड़ी हो जाती है। साधन और अन्य इंतजामों के लिए परिजन काफी देर तक मदद के लिए यहां-वहां भटकते रहते हैं। लेकिन अस्पताल की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिल पाती।

क्या कहते हैं अधिकारी

सरकार की तरफ से अस्पताल को कई शव वाहन दिये गये हैं। 102 नंबर पर फोन करने पर भी शव वाहन का इंतजाम हो जाता है। पीएमसीएच में मरीज के परिजनों की सुविधा के लिए मरचुरी वाहन भी दिये गये हैं। इसके बावजूद अगर शव वाहन नहीं मिल रहे हैं, तो यह बहुत ही गलत है। अस्पताल प्रशासन द्वारा मामले की छानबीन की जा रही है। जांच के बाद जिम्मेदार अधिकारियों से पूछताछ के बाद कार्रवाई होगी।
डॉ जीएस सिंह, सिविल सर्जन

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SOURCEप्रभात खबर
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