सोनपुर : यहां लगता है वर्ल्ड फेमस मेला, थियेटर के नाम पर होता है ऐसा डांस
सोनपुर में लगने वाला पशु मेला वर्ल्ड फेमस है। ये एशिया का सबसे बड़ा मेला है, जो गंगा और गंडक नदी के संगम पर कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर एक महीने तक चलता है। इस मेले में कभी गुलामी के लिए इंसान बेचे और खरीदे जाते हैं। अब ये मेला यहां लगने वाले थियेटर्स में डांस के लिए फेमस है।
ये हैं मेले के इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स..
- हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर शुरू होने वाला सोनपुर मेला नवंबर से दिसंबर तक चलता है।
- ये मेला उसी जगह पर लगता है, जहां कभी गज (हाथी विष्णु का भक्त) और ग्राह (मगरमच्छ) में भयंकर युद्ध हुआ था।
- ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से इस युद्ध का खत्म किया था। इसलिए ये हरिहर क्षेत्र है।
- चन्द्रगुप्त मौर्य, अकबर और 1857 के गदर के नायक वीर कुंवर सिह ने भी से यहां हाथियों की खरीद की थी।
- आज भी यहां हाथी और घोड़ों की बिक्री चर्चा में रहती है। इसके अलावा यहां गाय, भैंस, बैल, ऊंट और पक्षियों की भी बिक्री होती है।
- लोग बताते हैं कि यहां कभी जानवरों से लेकर इंसानों के बाजार भी सजते थे। गुलाम के तौर पर आदमी और औरत की बोली लगती थी।
रातभर गुलजार रहता है मेला
– अब यहां थियेटर्स में डांस देखने के लिए भीड़ उमड़ती है। देश की बड़ी सिटीज से डांसर, सिंगर आर्टिस्ट बुलाए जाते हैं।
– थियेटर्स के कारण पूरी रात मेला गुलजार रहता है। दूसरे स्टेट्स से भी लोग थियेटर का मजा लेने यहां पहुंचते हैं।
– इन थियेटर्स में एंट्री के लिए लोगों को 500 रुपए से 1000 रुपए एंट्री फीस देनी होती है। थियेटर्स में रोजाना लाखों रुपए का बिजनेस होता है।
हाईटेक स्विज कॉटेज
बदलते समय के साथ-साथ इस मेले का रंग-रूप भी बदला है। टूरिस्ट की सहूलियत के लिए यहां स्विज कॉटेज बनाए गए हैं जिसमें फ्लोरिंग से लेकर बेड और बाथरूम तक सभी पूरी तरह हाईटेक होते हैं। इस मेले में लाखों टूरिस्ट आते हैं।