कोरोना वायरस के साथ जीने की योजना बना रहीं राज्य सरकारें
ज्यादातर राज्य सरकारें कोरोना के साथ जीने की योजना पर काम कर रही हैं। लॉकडाउन की अवधि समाप्त होते-होते ज्यादातर राज्य ये तय कर चुके होंगे कि उन्हें किस तरीके से कोरोना की मौजूदगी में काम को गति देना है।
केंद्र व राज्य सरकारों के बीच लगातार हो रही बातचीत में राज्य सरकारें अपनी मंशा जाहिर कर रही हैं। इस बीच केरल ने प्रस्ताव किया है कि राज्य में बुजुर्ग और बीमारी की चपेट में आने की आशंका वाले (यानी विभिन्न ऐसी बीमारियों से ग्रस्त जिनमे संक्रमण का खतरा ज्यादा है) उनको छोड़ बाकी लोगों को काम पर जाने दिया जाए।
केरल ने कहा है कि ऐसे लोगों की काम के दौरान सतत स्क्रीनिंग की जा सकती है। अगर इनमें कोई लक्षण विकसित होते हैं तो इन्हें क्वारंटाइन और इलाज करना होगा लेकिन अर्थव्यवस्था को धीरे-धीरे खोलना होगा। राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती बाहरी देशों से आने वाले लोग भी हैं। केरल ने अनुमान लगाया है कि आने वाले कुछ महीनों में करीब एक लाख ऐसे लोग राज्य में आएंगे जिनकी नौकरी बाहरी देशों में जा चुकी होगी।
पंजाब ने लॉकडाउन खोलने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर क्रमिक तरीके से अमल शुरू किया है। सूत्रों के अनुसार यूपी, बिहार, पंजाब, पूर्वोत्तर के कई राज्य ज्यादा पैमाने पर गतिविधियों को शुरू करने का संकेत दे चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि केरल के अलावा कई राज्य इस पक्ष में हैं कि जिन्हें खतरे की आशंका (बीमारी के लिहाज से) है, उनको छोड अन्य को काम शुरू करने की इजाजत मिलनी चाहिए।