राज्य सरकार ने 4,137 करोड़ रुपये की सब्सिडी देकर ग्रामीण के साथ-साथ शहरी इलाकों के छोटे उपभोक्ताओं को भी बड़ी राहत देने की कोशिश की है। नई दर 18 अप्रैल से प्रभावी होगी। 100 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को जेब ज्यादा ढीली करनी होगी। उन्हें प्रति यूनिट 10 से 25 पैसे तक अधिक बिल भरना पड़ेगा, जबकि इससे कम खपत वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट पांच पैसे ही ज्यादा देने पड़ेंगे।
पिछले एक वर्ष के भीतर तेजी से ग्रामीण विद्युतीकरण और बड़ी संख्या में कनेक्शन लेने के चलते बिजली खपत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं की संख्या में भी भारी इजाफा हुआ है। बिजली उपलब्धता में दो मिलियन यूनिट से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017-18 में 27,178 मिलियन यूनिट बिजली की खपत हुई थी, जबकि चालू वित्तीय वर्ष में खपत 29,403 मिलियन यूनिट के पार पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
यही कारण है कि बिजली दरों में वृद्धि पर नियंत्रण रखने के लिए राज्य सरकार को पिछले साल की तुलना में अनुदान के रूप में इस बार 1,185 करोड़ रुपये अधिक देने पड़े। शहरों में राज्य सरकार को बिजली दर पर नियंत्रण रखने के लिए अनुदान की राशि में प्रति यूनिट 35 पैसे की वृद्धि करनी पड़ी है। सरकार को अबकी प्रति यूनिट 1.83 रुपये अनुदान देना पड़ा है, जबकि पिछले साल 1.48 रुपये प्रति यूनिट अनुदान दिया गया था।
शहरों में बिजली की नई दरें
यूनिट: पहले: अब: वृद्धि:
1-100: 4.27: 4.32: 5 पैसे
101-200: 5.02: 5.12: 10 पैसे
201-300: 5.77: 5.97: 20 पैसे
300 से ज्यादा: 6.52: 6.77: 25 पैसे
किसे कितना अनुदान
श्रेणी: अनुदान: देय:
कृषि-सिंचाई: 5.11: 1.50
कुटीर ज्योति: 3.98: 2.45
घरेलू ग्ररमीण: 3.45: 3.17
ग्रामीण व्यावसायिक: 2.92: 4.00
घरेलू शहरी: 1.83: 5.40
शहरी व्यवसायिक: 0.53: 8.25
औद्योगिक (11केवी): 00: 8.67
औद्योगिक (33केवी): 00: 8.60