तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ईरान की तर्ज पर नई सरकार के निर्माण की घोषणा करने के लिए पूरी तरह तैयार है। तालिबान के नेताओं ने गुरुवार को कहा कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद सरकार गठन की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। सबसे बड़े धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा को देश का सर्वोच्च नेता बनाया जाएगा। तालिबान की मानें तो बातचीत की प्रक्रिया पूरी हो गई है और सरकार के खाके पर मुहर लग गई है।

अखुंदजादा ही होंगे सर्वेसर्वा
नई सरकार में 60 वर्षीय मुल्ला अखुंदजादा तालिबान सरकार के सर्वोच्च नेता होंगे। वरिष्ठ नेता अहमदुल्लाह मुत्तकी ने सोशल मीडिया पर बताया कि राष्ट्रपति भवन में एक समारोह की तैयारी हो रही है। अखुंदजादा सबसे बड़े राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी होंगे। उनका पद राष्ट्रपति से भी ऊपर होगा और वह सेना, सरकार तथा न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति कर सकेंगे। देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में उनका निर्णय आखिरी माना जाएगा।

क्या है ईरान मॉडल
ईरान में नेतृत्व की तर्ज पर यह व्यवस्था की जाएगी जहां सर्वोच्च नेता देश का सबसे बड़ा राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी होता है। उसका पद राष्ट्रपति से ऊपर होता है और वह सेना, सरकार तथा न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति करता है। देश के राजनीतिक, धार्मिक और सैन्य मामलों में सर्वोच्च नेता का निर्णय अंतिम होता है।

तालिबानी नेता समांगनी ने कहा कि मुल्ला अखुंदजादा सरकार के सर्वोच्च नेता होंगे और इस पर कोई सवाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने संकेत दिया कि राष्ट्रपति अखुंदजादा के अधीन काम करेंगे। मुल्ला अखुंदजादा तालिबान के सबसे बड़े धार्मिक नेता हैं और पिछले 15 साल से बलूचिस्तान प्रांत के कचलाक क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद में कार्यरत हैं। समांगनी ने कहा कि नई सरकार के तहत, गवर्नर प्रांतों के प्रमुख होंगे और जिला गवर्नर अपने जिले के प्रभारी होंगे।

महिलाएं होंगी सरकार में शामिल
तलिबान ने पहले ही प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नरों, पुलिस प्रमुखों और पुलिस कमांडरों की नियुक्ति कर दी है। उन्होंने कहा कि नई प्रशासन प्रणाली का नाम, राष्ट्रीय झंडा और राष्ट्र गान पर अभी फैसल लिया जाना बाकी है। इस बीच दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय में उप नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने बृहस्पतिवार को विदेशी मीडिया चैनलों को बताया कि नई सरकार में अफगानिस्तान के सभी कबीलों के सदस्यों और महिलाओं को शामिल किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘जो कोई भी पिछले 20 साल में अफगानिस्तान में पूर्ववर्ती सरकारों में शामिल था उसे नए तालिबान प्रशासन में जगह नहीं मिलेगी।; उन्होंने कहा कि मुल्ला अखुंदजादा कंधार से सरकार का कामकाज देखेंगे। उन्होंने कहा कि तालिबान यूरोपीय संघ, अमेरिका और भारत से दोस्ताना संबंध चाहता है तथा इसके लिए दोहा में तालिबान का राजनीतिक कार्यालय विभिन्न देशों के संपर्क में है। स्तानिकजई ने कहा कि अगले 48 घंटे में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर परिचालन शुरू हो जाएगा और वैध दस्तावेजों के साथ आए लोगों को देश छोड़ने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे की मरम्मत के लिए ढाई से तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर का खर्च आयेगा।

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