Justice Indira Banerjee

एक और महिला बनी न्यायमूर्ति का हिस्सा

लंबे इंतज़ार के बाद 7 अगस्त 2018 को देश की सर्वोच्च अदालत में तीन नए जजों की एंट्री हो गई। जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस इंदिरा बनर्जी अब सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा हैं।

वरिष्ठता के क्रम में 7 अगस्त 2018 को जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में सबसे पहले शपथ ली। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में महिला जजों की संख्या तीन हो गई है, जो अपने आप में एक इतिहास है। जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और अब जस्टिस इंदिरा बनर्जी।

पहली बार एक साथ 3 महिला जज शीर्ष न्यायालय का हिस्सा हैं

3अगस्त 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मद्रास हाई कोर्ट की चीफ़ जस्टिस इंदिरा बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। इंदिरा बनर्जी के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट के 68 वर्ष के इतिहास में पहली बार एक साथ तीन महिला जज शीर्ष न्यायालय का हिस्सा हैं। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में अभी तक सिर्फ सात महिला जज हुई हैं। जस्टिस इंदिरा बनर्जी आठवीं महिला जज के तौर पर ज्वाइन किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल चार साल और एक महीने का रहेगा। वैसे इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनने का रिकॉर्ड एम फातिमा बीवी के नाम था, जो कि साल 1898 में देश की सर्वोच्च अदालत की न्यायाधीश बनी थीं। इनके अलावा जस्टिस सुजाता वी मनोहर, जस्टिस रूमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई और जस्टिस आर भानुमति सुप्रीम कोर्ट की जज बन चुकी हैं।

इंदिरा बनर्जी को यह पदोन्नति इसलिए मिली क्योंकि देश के सभी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस में वे दूसरी सबसे सीनियर चीफ जस्टिस थीं। दूसरी वजह यह भी है कि सुप्रीम कोर्ट में मौजूदा जस्टिस में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व के हिसाब से बंगाल का कोटा काफी वक्त से खाली था। इंदिरा बनर्जी के आने से अब उन्हें बंगाल का प्रतिनिधित्व भी मिल जाएगा।

इंदिरा बनर्जी का इतिहास

इंदिरा बनर्जी का जन्म 24 सितंबर, 1957 को हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोलकाता के लोरेटो हाउस में की थी। उसके बाद कोलकाता के प्रसिद्ध प्रेसिडेंसी कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया। कानून की पढ़ाई कोलकाता लॉ यूनिवर्सिटी से पूरा की। 5 जुलाई, 1985 को इंदिरा पहली बार वकील बनीं और कोलकाता में निचली अदालत व हाईकोर्ट में उन्होंने प्रैक्टिस शुरू किया। बाद में 5 फरवरी, 2002 को कोलकाता हाईकोर्ट की वह स्थायी जज बनी। वो 2016 में दिल्ली हाई कोर्ट आयी। 5 अप्रैल, 2017 को मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस के तौर पर कार्यभार संभाला।

चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी और उत्तराखंड चीफ जस्टिस केएम जोसेफ के साथ ओडिशा हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस विनीत शरण ने भी आज उच्च न्यायालय में जज के तौर पर शपथ ग्रहण किया। इन सभी को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने एक समारोह में यह शपथ दिलाई।

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