बिहार के हाजीपुर के सुभई के मूल निवासी और वर्तमान में उड़ीसा में रहने वाले प्रमोद भगत ने शनिवार की शाम करीब 04 बजे टोक्यो पैरालंपिक में देश के लिए गोल्ड जीतकर देश के साथ ही वैशाली जिले का नाम भी रौशन किया है। अर्जुन अवार्डी रहे प्रमोद भगत की इस उपलब्धि पर हाजीपुर के बैडमिंटन खिलाड़ियों ने बसावन सिंह स्पोर्ट्स स्टेडियम में जश्न मनाया।
भारत के प्रमोद भगत ने शनिवार को चल रहे टोक्यो पैराओलंपिक के पुरुष एकल बैडमिंटन स्पर्धा में (एसएल-3) वर्ग के फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को दो सीधे सेटों में 21-14 और 21-17 से हराया और स्वर्ण पदक जीत लिया। इस जीत के साथ ही देश की झोली में चौथा स्वर्ण पदक आ गिरा। भारत की पदक तालिका अब बढ़कर 16 हो गई है, जिसमें अब तक चार स्वर्ण पदक, सात रजत और पांच कांस्य पदक शामिल हैं। किसी भी पैराओलंपिक में देश का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। शीर्ष क्रम प्रमोद ने इससे पहले 36 मिनट तक चले पहले (एसएल-3) वर्ग के सेमीफाइनल में जापान के डाइसु-के फुजीहारा पर भी दो सीधे सेटों में 21-11, 21-16 से शुक्रवार को जीत दर्ज की थी और फाइनल का टिकट कटाया था। प्रमोद के स्वर्ण पदक जीतने पर बैडमिंटन एसोसिएशन के अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, सचिव जयप्रकाश, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आरके राजू, मंटू राय, सूरज प्रकाश, प्रो. रवि शंकर सिन्हा, कुंदन सिंह आदि लोगों ने बधाई दी है।
कोरोना के बाद की शानदार वापसी
दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी प्रमोद के लिए यह साल बेहतरीन रहा है। अप्रैल में दुबई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते थे। भगत ने कोरोना महामारी के कारण एक साल के ब्रेक के बाद वापसी की थी। उन्होंने सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा मनोज सरकार के साथ मिलकर (एसएल 4 – एसएल 3) वर्ग में मिक्स्ड डबल्स का स्वर्ण पदक भी जीता था। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 इंटरनेशनल पदक जीतने वाले प्रमोद ने बैडमिंटन के वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पिछले आठ साल में दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किए हैं। 2018 पैरा एशियाई खेलों में भी उनके नाम एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल रहा।