महा हड़ताल आज: सड़कों से नदारद रहेंगी 93 लाख ट्रकें, देशभर में विरोध
आज रात 12 बजे से ट्रकों के पहिए थम गए हैं। जीएसटी,डीजल के दामों में बढ़ोतरी के विरोध में ट्रांसपोर्टरों ने दो दिवसीय बंद की घोषणा की है। आज सुबह 8 बजे से सड़कों से 93 लाख ट्रक और बस नदारद रहेंगी। देशव्यापी इस हड़ताल में सभी ट्रांसपोर्टर और संचालक शामिल होंगे। ट्रकों की आवाजाही बंद होने से रोजमर्रा की जरूरत की चीजों की आपूर्ति ठप हो जाएगी और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और कलकत्ता गुड्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने पिछले दिनों ये ऐलान कर दिया था।
लाइव अपडेट्स
#Mumbai: All India Motor Transport Congress calls for nationwide strike against GST and hike in diesel prices; transporters observe strike. pic.twitter.com/SOOeIPeTxk
— ANI (@ANI) October 9, 2017
डीजल की कीमतों में कटौती की जाए
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में काफी तेजी है, लेकिन सरकार यहां डीजल कीमतों में कटौती नहीं कर रही है, इनकी मांग है कि डीजल की कीमतों में 20 रुपये प्रति लीटर तक कटौती की जाए। चालकों और ट्रांसपोर्ट संगठनों ने सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया और नए अप्रत्यक्ष कर के तहत डीजल को लाने की मांग की है।
इधर, आम लोगों की मुश्किलें और बढ़ेंगी क्योंकि देशभर के पेट्रोल पंप मालिकों ने भी हड़ताल पर जाने की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पेट्रोल पंप मालिक 13 अक्टूबर को हड़ताल पर रहेंगे। 13 अक्टूबर को देशभर के 54000 पेट्रोल पंप बंद रहेंगे।
कलकत्ता गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभात कुमार ने कहा, जीएसटी लागू होने के बाद परिवहन व्यवसाय बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस और अन्य ट्रांसपोर्ट एसोसिएशनों ने दो दिनों की सांकेतिक राष्ट्रीय हड़ताल का आह्वान किया है, जो नौ अक्टूबर (सोमवार) को सुबह आठ बजे से शुरू होगी और 10 अक्टूबर को शाम आठ बजे खत्म होगी। हम भी इसका समर्थन करते हैं।
उन्होंने कहा कि जीएसटी के तहत विभिन्न नीतियों के कारण सड़क परिवहन क्षेत्र में बहुत भ्रम और विघटन पैदा हुआ है। उन्होंने कहा, डीजल मूल्य में अत्यधिक वृद्धि और कीमतों में रोजाना उतार-चढ़ाव सड़क परिवहन क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है। डीजल और टोल पर किया जानेवाला खर्च ट्रक के परिचालन खर्च के 70 फीसदी से भी अधिक है, जबकि डीजल को ही जीएसटी के अंतर्गत नहीं रखा गया है। डीजल को जीएसटी के अंतगर्त लाना आवश्यक है, ताकि देश में एक कीमत पर डीजल की बिक्री हो।