पटना के साइंस कॉलेज से उनका रिश्ता!
इनकी प्रारंभिक शिक्षा नेतरहाट विधालय से हुई थी। डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह ने सन् 1962 बिहार में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। पटना विज्ञान महाविद्यालय (सायंस कॉलेज) में पढते हुए मैथमेटिक्स कांफ्रेंस में भाग लिया उन्होंने वंहा दिए गए गणित के पांच सबसे कठिन प्रश्नों को हल कर दिया वो भी अलग अलग तरीकों से.वही उनकी मुलाकात अमेरिका से पटना आए प्रोफेसर जॉन एल केली (एच.ओ.डी. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बार्कले) से हुई। उनकी प्रतिभा से प्रभावित हो कर प्रोफेसर केली ने उन्हे बार्कले आ कर शोध करने का निमंत्रण दिया। डॉ सिंह 1963 में कैलीफ़ोर्निया विश्वविद्यालय में शोध के लिए गए। अमेरिका में पढ़ने का न्योता जब डा वशिष्ठ नारायण सिंह को मिला तो उन्होंने ग्रेजुएशन के तीन साल के कोर्स को महज एक साल में पूरा कर लिया था।
1969 में उन्होने कैलीफोर्निया विश्वविघालय से गणित में पी.एच.डी. प्राप्त की। चक्रीय सदिश समष्टि (Cyclical vector mass) सिद्धांत पर किये गए उनके शोध कार्य ने उन्हे भारत और विश्व में प्रसिद्ध कर दिया।