72 घंटे के उपवास पर बैठीं बिहार महिला विकास मंच की कार्यकारिणी अध्यक्ष
पटना : बिहार प्रदेश समेत देशभर में महिलाओं खास कर बच्चियों के साथ गैंग रेप के खिलाफ गांधी मैदान स्थित गांधी मूर्ति के समीप 72 घंटे की उपवास पर बैठी बिहार महिला विकास मंच की कार्यकारिणी अध्यक्ष श्रीमती आकांक्षा चित्रांश को पटना नगर निगम की मेयर श्रीमती सीता साहू ने पानी पिलाया और रेप से पीडि़त बच्चियों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। इस दौरान सांसद मेयर ने कहा कि यह बड़े ही दुख की बात है कि आज हमारी बच्चियां सेफ नहीं है। मगर हम मासूम बच्चियों की सुरक्षा और न्याय के लिए चिंतित हैं।
हमें इसके लिए साथ मिलकर लड़ना होगा। हालांकि 17 अप्रैल से उपवास पर बैठी आकांक्षा चित्रांश का उपवास तय समय से 20 अप्रैल को संध्या छह बजे खत्म होगा। वहीं, आज कारगिल चौक से गांधी मूर्ति तक एक मार्च भी निकाला गया।
मेयर ने दिलाया न्याय का भरोसा
बिहार महिला विकास मंच की मुख्य संरक्षक श्रीमती वीणा मानवी ने कहा कि यह उपवास उन महिलाओं की आवाज है, जो आज अपने ही समाज में सुरक्षित नहीं है। बिहार में भी रेप के मामले में काफी इजाफा हुआ है और इन दिनों इसकी शिकार ज्यादातर बच्चियां हो रही है। यह बेहद शर्मनाक और दुखद है। हम इसकी खिलाफत करते हैं और इसलिए मंच की कार्यकारिणी अध्यक्ष श्रीमती आकांक्षा चित्रांश इस भीषण गर्मी में भी 72 घंटों की उपवास पर बैंठी। श्रीमती मानवी ने कहा कि देश और राज्य की सरकारों से मांग करते हैं कि रेप मामले में दोषियों को सिर्फ फांसी की सजा हो और ऐसे मामलों की सुनवाई स्पीडी ट्रयाल से हो। ताकि रेप की मानसिकता रखने वालों में डर पैदा हो सके।
उन्होंने कहा कि सिर्फ महिलाओं के लिए अच्छे–अच्छे नारों और वादों से उन्हें सुरक्षा और सम्मान के साथ जीने का हम नहीं मिलेगा, बल्कि इसके लिए सरकारों द्वारा दृढ़ इच्छाशक्ति और कानून का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन भी जरूरी है। इसके अलावा सामाजिक स्तर पर जागरूकता लाने की भी जरूरत है, ताकि समाज में ऐसी मानसिकताओं को दूर किया जा सके। हम इसके लिए बिहार महिला विकास मंच की ओर से काम करने के लिए तैयार हैं, बस सरकार हमें फंड मुहैया करवाये।
हम मंच की महिलाएं राज्य भर में जागरूकता अभियान चलायेंगी। इसके अलावा स्कूलों में सेक्स एजुकेशन अनिवार्य हो। श्रीमती मानवी ने कहा कि बदलाव की शुरूआत हमें अपने घरों से भी करनी होगी। हमें अपने बच्चों को अच्छे संस्कार और महिलाओं को सम्मान देने के लिए की शिक्षा देनी होगी। क्योंकि जब तक बच्चों को अच्छी परवरिश नहीं मिलेगी, वे उद्दंड बने रहेंगे और उनकी मानसिकता महिलाओं के लिए विकृत होती जायेगी, जिसका परिणाम भी महिलाओं को भुगतना पड़ता है।
गौरतलब है कि कठवा, उन्नाव, सूरत के अलावा बिहार के करहगर (सासाराम) व राजधानी पटना समेत अन्य हिस्सों में बच्चों को दुष्कर्म का शिकार बनाने के बाद दोषी को फांसी को सजा दिलाने की मांग को लेकर श्रीमती आकांक्षा चित्रांश 72 घंटे के उपवास पर थीं। इस दौरान बिहार महिला विकास मंच की अध्यक्ष श्रीमती कांति केशरी, कोषाध्यक्ष श्रीमती वंदना भारती, वरिष्ठ अध्यक्ष श्रीमती बबीता सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्रीमती लीला गुप्ता, उपाध्यक्ष श्रीमती पूनम सलूजा, सचिव श्रीमती रेणु जायसवाल, प्रवक्ता श्रीमती सरोज जयसवाल, महामंत्री श्रीमती कल्याणी गुप्ता समेत सैंकड़ों की संख्या में अन्य महिलाएं भी शामिल रहीं।
बिहार महिला विकास मंच के द्वारा बेटियों की सुरक्षा के लिए प्रमुख मांगे : –
- रोहतास जिले के गोरपा गांव में विगत 6 मार्च को 14 वर्षीय बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार व हत्या और जहानाबाद के मध्य विद्यालय काको के नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में अभियुक्तों की हो अविलंब गिरफ्तारी।
- जस्टिस वर्मा और जस्टिस मेहरा समिति की सिफारिशों को तत्काल अक्षरश: लागू किया जाय।
- निर्भया फंड की राशि बढ़ाई जाय और उसके खर्च के लिए समुचित नियमावली बनाई जाय।
- जनप्रतिनिधियों को बेटियों की सुरक्षा के लिए जवाबदेह बनाया जाय। यौन उत्पीड़ मामले में त्वरित कार्रवाई के लिए थाना प्रभारी और एसपी जवाबदेह बनाया जाय।
- 90 दिनों में जांच प्रक्रिया सुनिश्चित हो और फैसला सुनाया जाय। रेप व हत्या मामले में आजीवन करावास की सजा हो।
- क्रिमिनल लॉ एक्ट 2013, महिलाओं का कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून 2013 और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून 2012 को लागू करने के लिए न्याय पद्धति में ढ़ांचागत सुधार की जाय। साथ ही प्रशिक्षित मानव संसाधन की व्यवस्था 6 महीने के भीतर किया जाय।
- प्रशासनिक पदाधिकारी और जन प्रतिनिधियों पर दुष्कर्म के आरोप लगने की स्थिति में हाई कोर्ट के जजों से जांच कराई जाय। जांच के दौरान उन्हें पद मुक्त रखा जाय।
- इस तरह की घटनाओं में त्वरित न्याय के लिए बार काउंसिल पहल करे।
- केंद्र, राज्य और जिला स्तर तक बेटियों की सुरक्षा करने व कानून लागू करने के लिए निगरानी कमेटी बनाई जाय।
- बलात्कार व हिंसा को रोकने के लिए योजनाबद्ध तरीके से अभियान चलाया जाय।
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