5 रुपये तक और सस्ता हो सकता है पेट्रोल-डीजल, केंद्र ने राज्यों से की वैट घटाने की अपील
पेट्रोल-डीजल पांच रुपये तक और सस्ता हो सकता है। उत्पाद शुल्क दो रुपये प्रति लीटर घटाने के बाद केंद्र ने अब राज्यों से कम से कम पांच फीसदी वैट घटाने की अपील की है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली जल्द ही सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखेंगे। उनसे पेट्रोल और डीजल पर वैट में कटौती करने का अनुरोध करेंगे। प्रधान ने कहा, केंद्र ने सक्रियता के साथ शुल्क में कटौती की है। राज्यों को भी पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले टैक्स में कटौती करनी चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को और राहत मिल सके।
ये भी पढ़े : खुशखबरीः आम आदमी को महंगाई से मिली थोड़ी राहत, पेट्रोल-डीजल 2रु. सस्ता
पेट्रोल-डीजल पर दो रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क घटाने पर राजस्व पर करीब 26 हजार करोड़ रुपये का असर पड़ेगा। प्रधान ने कहा कि ईंधन पर टैक्स से सबसे अधिक फायदे में राज्य सरकार हैं। राज्य सरकार वैट लेती है और केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह में 42 फीसदी भी प्रदेशों को चला जाता है। केंद्र के पास जो राशि बचती है, उसका उपयोग राज्यों में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए किया जाता है।
पेट्रोल और डीजल के दामों में रोजाना बदलाव की पद्धति का बचाव करते हुए प्रधान ने कहा कि इससे सीधे लाभ मिलने में मदद मिलेगी। जीएसटी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह कई बार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में लाने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा, उत्पाद शुल्क घटाने के बाद दिल्ली में पेट्रोल की कीमत प्रति लीटर 2.5 रुपये और डीजल की कीमत 2.55 रुपये घटी है।
जेटली ने राज्यों से पेट्रोल, डीजल पर वैट में कटौती की अपील की
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों से अपील की कि वे पेट्रोल व डीजल पर बिक्री कर या वैट में कटौती करें ताकि आम उपभोक्ताओं को ईंधन की ऊंची कीमतों से राहत मिले।
तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर ढाका आए जेटली ने कहा कि पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से राहत देने तथा उपभोक्ताओं के हाथों में और धन उपलब्ध करवाने के लिए किया गया।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, अब यह राज्य सरकारों पर है कि क्या वे बिक्री कर या वैट में कटौती के मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि विशेषकर केरल व दिल्ली सहित कुछ राज्य सरकारें शुल्कों में कटौती की मांग करती रही हैं। इसलिए राज्य सरकारों को अपने खुद के वैट संग्रहण पर विचार करना चाहिए।