thebiharnews-in-3-acres-of-land-belonging-to-lalu-prasad-yadav

चारा घोटाला : दुमका ट्रेजरी मामले में फैसला टला

चारा घोटाले के तहत दर्ज पांच मुकदमों में से चौथे मुकदमे के लिए आज होने वाली सुनवाई टल गयी है। दुमका कोषागार से तीन करोड़ ग्यारह लाख की फर्जी निकासी मामले की सुनवाई पांच मार्च को ही पूरी हो गयी थी। कोर्ट ने 15 मार्च को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की थी। बता दें कि अब तक तीन मामलों में सजा सुनाया जा चुका है। इनमें चाईबासा मामले में पांच साल, देवघर मामले में साढ़े तीन साल और चाईबासा के ही एक अन्य मामले में पांच साल की सजा सुनायी जा चुकी है। उनपर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। लालू यादव फिलहाल रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं।

बिहार के पूर्व मंत्री रमई राम लालू प्रसाद यादव से मिलने कोर्ट पहुंचे थे। वहीं राजद कार्यकर्ता लालू प्रसाद को उपचुनाव में मिली जीत को बधाई देने पहुंचे थे। इधर फैसला से ठीक एक दिन पहले लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि आपने ‘लालू’ को नहीं एक विचार को कैद किया है। यही विचार और धारा आपके अहंकार को चूर-चूर करेगी।

48 लोगों पर FIR जिनमे 14 आरोपितों की मौत

सीबीआई ने मामले की जांच के बाद 48 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इस मामले में 14 आरोपितों की मौत हो गयी है। 48 आरोपितों में कई राजनीतिज्ञ और नौकरशाह शामिल थे। 3.11 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी के ट्रायल फेस करने वालों राजनीतिज्ञों में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, आरके राणा और विद्यासागर निषाद हैं। पांच मार्च को मामले की अंतिम सुनवाई हुई। लालू प्रसाद सहित अन्य की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेशी हुई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक लालू प्रसाद यादव सशरीर कोर्ट में पेश होना चाहते थे।

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर 96 फर्जी वाउचर के जरिए दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार (ट्रेजरी) से 3 करोड़ 11 लाख की अवैध निकासी का आरोप है। ये पैसे जानवरों के खाने के सामान, दवाओं और कृषि उपकरण के वितरण के नाम पर निकाले गए थे।

क्या है आरसी 38ए/96

1995-96 में दुमका कोषागार से कुल तीन करोड़ 13 लाख रुपये की अवैध निकासी की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मार्च 1996 चारा घोटाले की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के आलोक में सीबीआइ ने दुमका कोषागार से हुई निकासी के मामले में भी प्राथमिकी दर्ज की थी। इससे पहले दुमका जिला प्रशासन ने भी एफआइआर दर्ज करायी थी। वर्ष 2000 में 48 आरोपियों के खिलाफ सीबीआइ ने चार्जशीट दायर किया था। 2005 में मामले में चार्जफ्रेम किया गया।

ये भी पढ़े: बिहार : इसी साल शुरू होगा पटना में मेट्रो का काम

Facebook Comments