बढ़ गये पेट्रोल – डीजल के दाम, पेट्रोल में 17 और डीजल में 21 पैसे की बढोत्तरी
नयी दिल्ली : पेट्रोल की कीमत में 17 पैसे और डीजल की कीमत में 21 पैसे की वृद्धि हुई है। तेल कंपनियों ने लगभग 20 दिन के बाद पेट्रोल – डीजल के दाम में इजाफा किया है। 23 अप्रैल को पेट्रोल – डीजल के दाम बढ़ाये गये थे। अब इस बार हुई बढोत्तरी को सीधे तौर पर कर्नाटक के विधानसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। मतदान के बाद पेट्रोल डीजल की कीमत में आयी बढोत्तरी को विपक्ष सरकार की चुनावी चाल के रूप में देख रही है।
There we go again. More taxes on petrol and diesel, more burden on the consumer. The Karnataka election was only an interval.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) May 14, 2018
विपक्ष के इन आरोप पर सरकार बचाव की मुद्रा में है। वहीं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के चेयरमैन संजीव सिंह ने भी कहा है कि यह पेट्रोल-डीजल की कीमत में आयी बढोत्तरी कर्नाटक चुनावों के बाद होना संयोग है। उन्होंने कहा कि कीमतें स्थिर करने से पहले हर रोज यह 25-35 पैसे घट – बढ़ रहा था। इससे हर 15 दिन में ईंधन की कीमतें 2-3 रुपये बदल जाती थीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान
नॉन ब्रैंडड पेट्रोल के बाद 74.63 रुपये प्रतिलिटर से बढ़ाकर 74.80 रुपये प्रतिलिटर किया गया है जबकि नॉन ब्रैंडेड डीजल के दाम 65.93 रुपये प्रतिलिटर से बाढ़ाकर 66.14 रुपये प्रतिलिटर किया गया है। पेट्रोल और डीजल में हुई बढोत्तरी का कारण अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को बताया जा रहा है। इसी वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के साथ न्यूक्लियर डील तोड़ने के फैसले के ऐलान के बाद बुधवार को ब्रेन्ट क्रूड की कीमत प्रति बैरल 77 डालर के पार चली गई।
नवंबर 2014 के बाद यह पहली बार हुआ है जब कच्चे तेल की कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर गयी है। इस बढोत्तरी के बाद भी 23 दिनों तक कोई बदलाव नहीं हुआ लेकिन कर्नाटक विस चुनाव के बाद बढोत्तरी का फैसला ले लिया गया। विशेषकर ऐसे समय पर जब पेट्रोल-डीज़ल की खुदरा कीमतों में रोज़ाना बदलाव आम बात हो चुकी है। गौरतलब है कि 2010 तक सरकार देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय करती थी। इसके बाद तेल की कीमतों का फैसला तेल कंपनियों पर छोड़ दिया गया।
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