पाक एजेंसी ISI को दिए गोपनीय दस्तावेज, IAF का ग्रुप कैप्टन जासूसी में गिरफ्तार
नई दिल्ली : पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने व उसको गोपनीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह (51) को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
‘लड़की’ बनकर ISI का एक एजेंट अरुण मारवाह से करता था बात
सूत्रों के अनुसार कुछ माह पहले आइएसआइ के एक एजेंट ने लड़की बनकर अरुण मारवाह से संपर्क किया था। इसके बाद दोनों में फोन पर लगातार चैटिंग होने लगी। दोनों एक दूसरे को अश्लील मैसेज भेजते थे। लड़की के रूप में पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद आइएसआइ एजेंट ने उनसे कई गोपनीय दस्तावेज की मांग की। आरोप है कि उन्होंने कुछ गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया करा दिए।
Delhi Police Special Cell arrested Group Captain Arun Marwah on charges of providing details of secret Indian Air Force documents to ISI. FIR filed under relevant sections of Officials Secrets Act. pic.twitter.com/rs5b4j5D8d
— ANI (@ANI) February 9, 2018
दस्तावेज लीक करने का बात सामने आई
इस बात की भनक लगते ही एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी। जांच में मारवाह की जासूसी में संलिप्तता पाए जाने पर एयरफोर्स के वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से इसकी शिकायत की। पटनायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल सेल को इसकी जांच सौंप दी।
स्पेशल सेल ने बृहस्पतिवार सुबह मुकदमा दर्ज कर अरुण मारवाह को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही दोपहर बाद पटियाला हाउस कोर्ट स्थित मुख्य महानगर दंडाधिकारी दीपक सहरावत की अदालत में पेश कर उन्हें पांच दिन की रिमांड पर ले लिया।
विस्तृत जांच में जुटी पुलिस
स्पेशल सेल ने आरोपी का मोबाइल जब्त कर लिया है। स्पेशल सेल उनसे पूछताछ कर लड़की बनकर भेंट करने वाले आइएसआइ एजेंट व कौन-कौन से गोपनीय दस्तावेज उसे मुहैया कराए गए हैं, इस बारे में पता लगा रही है।
वायुसेना के मुख्यालय में था तैनात अफसर
अधिकारी वायुसेना मुख्यालय में तैनात था। बताया जा रहा है कि वायुसेना के केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच दल ने एक नियमित जासूसी रोधी चौकसी के दौरान पाया कि अधिकारी अनधिकृत इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जरिए अवांछित गतिविधियों में लिप्त था।
10 दिन पूछताछ के बाद गिरफ्तार
सूत्रों के मुताबिक वायुसेना मुख्यालय में तैनात रहे ग्रुप कैप्टन को काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब 10 दिनों तक की गई पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंप दिया गया। उसे पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है।
पहले भी हनीट्रैप में फंस चुके हैं भारतीय जवान
यह पहला मौका नहीं है कि जब सेना को कोई अधिकारी जासूसी में गिरफ्तार हुआ है। इससे पहले भी कई अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साल 2015 में रंजीत केके नाम के एक एयरमैन को जासूसी के आरोप में गिऱफ्तार किया गया था।
हनी ट्रैप का सहारा लेती रही है पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI
बता दें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा लेती रही है। हैरानी की बात तो यह है कि भारतीय जवान आसानी से पाकिस्तान के इस जाल में फंस जाते हैं।
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