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पॉपुलेशन काउंसिल: बिहार के किशोरों पर हुए अब तक के सबसे विस्तृत शोध का आज विमोचन होगा

पटना, 20 नवंबर 2017. बिहार में किशोरों की स्थिति पर एक स्वतंत्र अध्ययन का रिपोर्ट आज जारी किया गया है, जो यह दर्शाता है कि राज्‍य के किशोरों और किशोरियों को देश के लाभकारी नागरिक बनने के लिए जो उच्च कोटि का निवेश चाहिए होता है, उसे प्राप्त करने में बड़ी बाधाएं आ रहीं हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में हुए इस अध्‍ययन:

  • Understanding the Lives of Adolescents and Young Adults (UDAYA)
  • के तहत बिहार राज्‍य के 36 जिलों से कुल 10,433 किशोर–किशोरियों से साक्षात्कार कर शिक्षा, रोजगार, आर्थिक समावेश, एजेंसी, समुदाय, नागरिकता, स्वास्थ्य और पोषण जैसे मुद्दों पर जानकारी प्राप्त की गई है । बिहार में होने वाला अपने तरह का पहला ऐसा शोध है जिसमें किशोरावस्‍था के विभिन्‍न पहलुओं को शामिल किया गया है, उदया अध्‍ययन, कई प्रचलित धारणाओं को चुनौती देता है।

डॉ के. जी. संध्या ने बताया कि…….

अध्‍ययन की प्रमुख लेखिका डॉ के. जी. संध्या ने बताया कि उदया बिहार में अपनी तर‍ह का पहला शोध है, जहां न सिर्फ कम आयु के (10–14 वर्ष) और बड़ी उम्र के (15–19 वर्ष) किशोर–किशोरियों की स्थितियों एवं जरूरतों का पता लगाया गया है, बल्कि उन कारकों का मूल्‍यांकन भी किया गया है जो उनके किशोरावस्था से युवावस्था तक के परिवर्तन की गुणवत्ता का भी अध्ययन करती हैं। उन्‍होंने कहा कि लंबवत डेटा की अनुपस्थिति और सिलसिलेवार क्रॉस-सेक्शनल डेटा की कमी ने इष्टतम कार्यक्रमों की डिजाइनिंग के साथ-साथ राज्य में किशोरों के लिए चल रहे कार्यक्रमों की प्रभावशीलता और पहुँच के कड़े आकलन को लम्बे समय से कुंठित किया है। उदया का यह शोध किशोर कार्यक्रमों द्वारा सामना किए गए इन दो जा रहे इन दोनों महत्वपूर्ण कमियों को पूरा करेगा।

उदया के अध्‍ययन को पॉपुलेशन काउंसिल ने बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और डेविड एंड लुसिले पैकर्ड फाउंडेशन के सहयोग से संचालित किया। इसके रिपोर्ट को 21 नवंबर 2017 यानि आज महिला विकास निगम और पॉपुलेशन काउंसिल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बिहार के माननीय शिक्षा मंत्री श्री के. एन. प्रसाद वर्मा, कुमारी मंजू वर्मा, माननीय मंत्री, समाज कल्याण कुमारी मंजू वर्मा और माननीय स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के कर कमलों द्वारा राज्य के प्रमुख सामाजिक क्षेत्र संगठनों की उपस्थिति में जारी किया जायेगा।

पॉपुलेशन काउंसिल के बारे में

पॉपुलेशन काउंसिल महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और विकास के मुद्दों पर अध्‍ययन करती है – एचआईवी के रोकथाम लेकर प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार तक और युवाओं के उपयोगी जीवन के उपाय को सुनिश्चित करने का काम करती है। 50 देशों में जैव चिकित्सा, सामाजिक विज्ञान और जन स्वास्थ्य के शोध कार्य के जरिए हम अपने सहयोगियों के साथ ऐसे समाधान प्रदान करने के लिए काम करते हैं जो कि अधिक प्रभावी नीतियों, कार्यक्रमों और प्रौद्योगिकियों को जन्म देती है जो दुनिया भर के जीवन को बेहतर बनाती हैं। सन 1952 में स्थापित और न्यूयॉर्क में स्थित, पॉपुलेशन काउंसिल एक गैर सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है जो न्यासियों के एक अंतरराष्ट्रीय बोर्ड द्वारा शासित है।

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